बदले कोरोना वैक्सीन लगाने के नियम, सरकार ने जारी की नई गाइडलाइन

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उज्जैन॥ भारत में जब टीकाकरण प्रारंभ हुआ था,तब जो गाइडलाइन जारी हुई थी, उसमें स्पष्ट था कि कोवीशिल्ड वैक्सीन व्यक्ति के सीधे हाथ में लगाया जाए। तो वहीं को-वैक्सीन उल्टे हाथ में लगाई जाए। ऐसा करने से जब संबंधित व्यक्ति दूसरा डोज लेने आएगा तो साक्षर होने पर टीके का नाम बता देगा मगर असाक्षर होगा तो वो बता देगा कि किस हाथ में पहला डोज लगा था।

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उस आधार पर टीकाकरण टीम दूसरा डोज देते वक्त तय कर लेगी कि सीधे हाथ में लगाया गया था याने कोवीशिल्ड और उल्टे में लगाया गया था याने को-वैक्सीन। मगर अब ये नियम बदल गए हैं और हर वेक्सीन वर्किंग हैंड को छोड़कर लगाई जा रही है। इससे कम शिक्षित लोगों के मामले में गड़बड़ी की आशंका बनी हुई है।

जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ.के.सी.परमार के मुताबिक अब नियम बदल गए हैं। अब जो गाइड लाइन आई है,उसके अनुसार वर्किंग हैण्ड को छोड़कर दूसरे हाथ में टीका लगाया जाए। वो कोवीशिल्ड हो या को-वैक्सीन। डॉ.परमार के अनुसार इस नियम से टीकाकरण स्टॉफ को अवगत करवा दिया गया है। यदि कहीं चूक हो रही है तो पुन: निर्देश जारी करेंगे।

टीकाकरण टीम के सदस्यों के अनुसार वे दो तरह की समस्या से रूबरू हो रहे हैं-

1. पूर्व में दोनों वैक्सीन साथ-साथ आती रही। दोनों वैक्सीन के टीकाकरण केंद्र अलग-अलग थे। जिस केंद्र पर पहली बार कोवीशील्ड के लाट आए,वोां बाद में भी यही टीका आया। इसी प्रकार जिन केंद्रों पर पहली बार को-वैक्सीन पहुंचा,वोां बाद में भी वोी टीका पहुंचा। ऐसा होने से जिन्होंने जिस केंद्र पर पहला टीका लगवाया था,वे उसी केंद्र पर पहुंचे। मगर अब स्थिति उलट हो गई। पिछली बार कोवीशील्ड पूरे शहर में लगी और इस बार को-वैक्सीन पूरे शहर में केंद्रों पर लग रही है। कुछ ही जगह दोनों के अलग-अलग केंद्र हैं।

ऐसे में जिन्होंने बता दिया,उन्हें कह दिया गया कि यह टीका अभी नहीं है,बाद में आना। जिनसे पूछा नहीं गया या जो बता नहीं सके और गड़बड़ी हो गई,वोां टीका अलग-अलग लग गया। जो जागरूक थे,उन्होने शिकायत कर दी। जो मामला सामने आया है,यह पहला नहीं है। इसके अलावा भी अलग-अलग वेक्सीन के दो डोज लगने की घटनाएं हुई हैं। वे लोग मीडिया तक एप्रोच नहीं बना पाए,इसलिए मामला दब गया। प्रशासन यदि पूछेगा तो कितने ही लोग सामने आ जाएंगे।

2. दूसरी समस्या यह है कि जिनको दो टीके,दोनों वैक्सीन के भिन्न भिन्न गलती से लग गए, उनका मामला तो कथित रूप से दबा दिया गया मगर अब ऐसे लोगों को दूसरे डोज की एंट्री अधिकृत रूप से नहीं होने के कारण प्रमाण पत्र नहीं मिल पाएगा,जोकि भविष्य में आवश्यक रहेगा। ऐसे में उनका क्या किया जाए? इस संबंध में कोई निर्देश जारी नहीं हुए हैं।

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