हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि की तरह ही इस साल भी इसी तिथि पर छठ महापर्व मनाया जाएगा। छठ की पूजा 20 नवंबर शुक्रवार को है। छठ पूजा 4 दिनों की होती है। इस पर्व की शुरुआत दो दिन पूर्व चतुर्थी तिथि को नहाय खाय से होती है और फिर पंचमी के दिन लोहंडा और खरना होता है। उसके अगले दिन षष्ठी को छठ पूजा मनाई जाती है। इस दिन शाम में सूर्य देव को अर्घ्य दिया जाता है।इसके बाद सप्तमी को सूर्योदय को अर्घ्य अर्पित करते हैं।
व्रतधारी लोग छठ मैय्या को प्रसन्न करने के लिए 36 घंटे का निर्जल व्रत रखते हैं। छठ पूजा बहुत ही विधि-विधान के साथ की जाती है। इस पावन पूजा को करने में बहुत से नियमों का पालन करना होता है। लेकिन कई बार लोग इस पावन पर्व के दौरान कुछ गलतियां कर देते हैं, जिसकी वजह से छठ मैय्या उनसे नाराज हो जाती हैं। हम आपको बताएंगे कि आपको छठ पर्व के दौरान कौन-कौन सी गलतियां नहीं करनी चाहिए।
न करें ये गलतियां
- छठ पर्व पर 4 दिनों तक प्याज और लहसुन का सेवन नहीं करना चाहिए.
- छठ पूजा में साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें और पूजा की किसी भी चीज को छूने से पहले हाथ जरूर धो लें.
- जो महिलाएं छठ मैय्या का व्रत रखती हैं, वह इन 4 दिनों में पलंग या चारपाई पर भूलकर भी न सोएं. व्रत के दौरान उनको जमीन पर कपड़ा बिछाकर सोना चाहिए.
- सूर्यदेव को अर्घ्य देना बहुत जरूरी माना जाता है. इसलिए छठ पूजा के लिए कभी भी चांदी, स्टील या प्लास्टिक के बर्तनों का इस्तेमाल न करें.
- छठ का प्रसाद बनाते समय कभी खुद कुछ नहीं खाएं.
- छठ पूजा का प्रसाद बनाने के लिए ऐसी जगह को चुनें, जहां पहले खाना न बनता हो.
- इस पावन पर्व पर साफ-सुथरे और शुद्ध कपड़े ही पहनें. गंदे कपड़े पहनना अशुभ माना जाता है.
- अगर आपने छठ मैय्या का व्रत रखा है तो भूलकर भी सूर्यदेव को अर्घ्य देने से पहले कोई भी चीज न खाएं.
- अगर आपने छठ का व्रत रखा है, तो भूल से भी मांस, मदिरा का सेवन न करें, ऐसा करने से आपका व्रत अधूरा माना जाएगा और छठ मैय्या आपसे रूष्ठ हो जाएंगी.
- छठ पूजा के दिनों में फलों का सेवन नहीं करना चाहिए. आप पूजा समाप्त होने के बाद ही फलों का सेवन करें.