मुख्य न्यायधीश रंजन गगोई का सुप्रीम कोर्ट में आखिरी दिन, सुनाए ये अहम फैसले

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सुप्रीम कोर्ट के मुख्य नयायधीश रंजन गोगोई इस माह के 17 तारीख यानी 17 नवंबर को रिटायर होने जा रहे हैं. हालांकि व्यवहारिक रूप से आज उनके कामकाज का आखिरी दिन है. आपको बता दें कि बतौर चीफ जस्टिस रंजन गोगोई का कार्यकाल करीब साढ़े 13 महीने का रहा. रंजन गगोई ने इस दौरान कुल 47 फैसले सुनाए, जिनमें से कुछ अहम फैसले भी शामिल हैं.

वहीं मीडिया वार्ता करते हुए सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के उपाध्यक्ष और सीनियर एडवोकेट जितेंद्र मोहन शर्मा का कहना है कि चीफ जस्टिस के कार्यकाल में रंजन गोगोई ने कई महत्वपूर्ण मामलों की सुनवाई की और फैसले सुनाए. वहीं शर्मा ने आगे कहा कि चीफ जस्टिस को उनके अयोध्या मामले, चीफ जस्टिस के ऑफिस को आरटीआई के दायरे में लाने, राफेल डील, सबरीमाला मंदिर और सरकारी विज्ञापन में नेताओं की तस्वीर प्रकाशित करने पर पाबंदी जैसे मामलों पर फैसले देने के लिए हमेशा याद किया जाएगा.

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सुप्रीम कोर्ट के सीनियर एडवोकेट जितेंद्र मोहन शर्मा ने कहा कि अयोध्या मामले का उल्लेख करते हुए कहा कि ये मसला काफी पुराना और बेहद जटिल था, फिर भी रंजन गोगोई ने बेहद सटीक तरीके से इसको निपटा दिया. वहीं एक दूसरे सुप्रीम कोर्ट के एडवोकेट उपेंद्र मिश्र का कहना है कि चीफ जस्टिस के रूप में रंजन गोगोई का कार्यकाल बेहद प्रभावशाली रहा.

जानिए कैसे रंजन गगोई ने चीफ जस्टिस बनने तक का सफर कैसे तय किया

रंजन गोगोई 18 नवंबर को 65 साल के हो जाएंगे और संविधान में चीफ जस्टिस के रिटायर होने की उम्र 65 साल है. एडवोकेट उपेंद्र मिश्र ने बताया कि 18 नवंबर को रंजन गोगोई का चीफ जस्टिस पद से रिटायर होने के बाद पहला जन्मदिन होगा. एडवोकेट उपेंद्र मिश्र ने कहा कि रंजन गोगोई को तीन अक्टूबर 2018 को भारत का चीफ जस्टिस नियुक्त किया गया था. 18 नवंबर 1954 को जन्मे रंजन गोगोई ने साल 1978 में बतौर एडवोकेट अपने करियर की शुरुआत की थी.

मौजूदा प्रधान न्यायधीश रंजन गोगोई ने शुरुआत में गुवाहाटी हाईकोर्ट में वकालत की. उनको संवैधानिक, टैक्सेशन और कंपनी मामलों का दिग्गज वकील माना जाता था. इसके बाद उनको 28 फरवर 2001 को गुवाहाटी हाईकोर्ट का स्थायी न्यायमूर्ति नियुक्त किया गया. 9 सितंबर 2010 को उनका तबादला पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में कर दिया गया.

इसके बाद 12 फरवरी 2011 को उनको पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट का चीफ जस्टिस बना दिया गया. 23 अप्रैल 2012 को उनको प्रोमोट करके सुप्रीम कोर्ट का न्यायमूर्ति बना दिया गया. जब दीपक मिश्रा चीफ जस्टिस के पद से रिटायर हुए, तो उनकी जगह रंजन गोगोई को चीफ जस्टिस बनाया गया.

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