चीन ने जनसंख्या वृद्धि रोकने में हासिल की बड़ी कामयाबी, लेकिन सामने आई उससे भी बड़ी परेशानी

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कोविड-19 महामारी के मध्य दुनिया की सबसे अधिक आबादी वाला मुल्क चीन ने महत्वूर्ण उपलब्धि  की है। चीन में पापुलेशन (आबादी) बढ़त दर जीरो के समीप पहुंच गई है। इस बात की सूचना मंगलवार को जारी हुए सरकारी आंकड़े से मिला है।

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वहां की हुकूमत ने बताया कि चीन की आबादी में बढ़ोतरी की दर शून्य के करीब पहुंच गई है, क्योंकि यहां बच्चों को जन्म देने वाले दंपती की संख्या कम है। हालांकि इसका एक नुकसान भी चीन को हो रहा है, यहां कार्यबल कम हो रहा है। आईए जानते हैं क्या है इसकी वजह और अब चीन की कुल जनसंख्या कहां तक पहुंच गई।

इतनी हुई चीन की जनसंख्या

चीन की जनसंख्या अब बढ़कर एक अरब 41 करोड़ हो गई है। बीते दस वर्षों में चीन की आबादी में 5.38 फीसदी का इजाफा हो गया है। चीन की नेशनल ब्यूरो ऑफ स्टेटिटिक्स ने ऑफिशियल तौर पर चीन की नई आबादी का डेटा जारी किया हैं।

नेताओं ने किया आबादी रोकने पर फोकस

ड्रैगन ने अपनी आबादी पर कंट्रोल करने के लिए आबादी रोकने पर फोकस किया। राष्ट्रीय सांख्यिकी ब्यूरो के मुताबिक 2020 में खत्म हुए दशक में चीन की आबादी सात करोड़ 20 लाख बढ़कर 1.41 अरब हो गई।

वहीं पॉपुलेशन में वार्षिक दर की औसत दर 0.53 फीसदी रही, जो पिछले दशक से बहुत कम थी। आपको बता दें कि चीनी नेताओं ने जनसंख्या धमाके को रोकने के लिए 1980 से जन्म संबंधी सीमाएं लागू की थीं।

सामने आई ये मुश्किल

ड्रैगन की अर्थव्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए एक तरफ चीन ने अपनी आबादी को रोकने में तो सफलता हासिल कर ली, लेकिन इस रोक के चलते चीन के सामने एक बड़ा संकट खड़ा हो गया है। ये संकट है कामकाजी आयु वर्ग का।

दरअसल चीन की आबादी में बुजुर्ग लोगों की संख्या बहुत अधिक बढ़ गई है। ऐसे में कामकाजी आयु वर्ग कम होने से चीन का कार्यबल कम हो रहा है। 2017 से निरंतर चीन के राष्ट्रीय जन्मदर में कमी दर्ज की गई है। चीनी मीडिया के मुताबिक चीन में बहुत बड़ी जनसंख्या तेजी से बुढ़ापे की ओर जा रही है। जो चीन के लिये संकट साबित होता दिखाई पड़ रहा है।

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