नई दिल्ली॥ बॉर्डर तनाव समाप्त करने को जारी बैठक में चीन की दाल नहीं गल रही। उसने शर्त रखी थी कि पहले इण्डियन आर्मी पैंगोंग झील के दक्षिणी किनारे पर ऐडवांस्ड पोजिशंस से वापस जाए। हिंदुस्तान ने चीन से स्पष्ट कह दिया है कि यदि सेनाएं हटेंगी तो दोनों ओर से हटेंगी। एकतरफा ऐक्शन नहीं होगा।
द इंडियन एक्सप्रेस ने उच्चपदस्थ सरकारी सूत्रों के हवाले से लिखा है कि हिंदुस्तान ने चीनी अतिक्रमण का जवाब देने के लिए 7 स्थानों पर लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) को पार किया है। हिंदुस्तान तथा चीन के पास कोर कमांडर स्तर पर सात राउंड बातचीत हो चुकी है। राजनीतिक स्तर पर भी चीन के रुख को लेकर हिंदुस्तान सतर्क है। मॉस्को में दोनों देशों के रक्षा मंत्रियों और विदेश मंत्रियों की बातचीत के बावजूद जमीन पर चीन के तेवर नहीं बदले हैं।
एक सूत्र ने द इंडियन एक्सप्रेस से बताया- बीजिंग कहता है कि वह दोनों मुल्कों की सरहद पर शांति और खुशहाली चाहता है। मगर हिंदुस्तान भी तो यही चाहता है। वे ये नहीं बताते कि उन्होंने इतनी तादाद में सैनिक वहां जमा क्यों किए। उन्होंने कहा कि कुछ भी हो सकता है। विश्वास नहीं होता चीन पर। हम किसी भी तरह की चुनौती के लिए तैयार हैं।