चीन ने इस देश के ख़िलाफ़ खोला मोर्चा, अमेरिका सहयोग के लिए पहुंचा

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चीन ने ताइवान के ख़िलाफ़ मोर्चा खोला तो अमेरिका भी उसके सहयोग में निरंतर मैदान में डटा हुआ है। चीन अपनी हठधर्मिता से बाज़ नहीं आ रहा है। चीन ने अमेरिका के एक उच्चपदस्थ अधिकारी कीथ क्रैक के ताइवान दौरे पर पहुंचने से मात्र एक दिन पहले बुद्धवार को दो पनडुब्बी रोधी विमान पड़ोसी देश के क्षेत्र में भेज दिए। चीन इस कार्रवाई से यह धौंसपट्टी ज़माने में लगा है कि ताइवान उसका अपना स्वायतशासी क्षेत्र है। वह अपने क्षेत्र में किसी विदेशी के बिना इजाज़त के आवागमन की अनुमति नहीं देता।

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अमेरिकी प्रतिनिधि कीथ क्रैक ताइवान के पूर्व राष्ट्रपति ली तेंग-हुई के एक ‘स्मारक सेवा’ में भाग लेने गुरुवार को ताइवान पहुंचे हैं। एक महीने में यह दूसरा मौक़ा है जब ट्रम्प प्रशासन के नवीनतम कदम में कीथ क्रैक बीजिंग की बंदर घुड़कियों की परवाह नहीं करते हुए ताइवान के समर्थन में पहुंचे। कीथ आर्थिक विकास, ऊर्जा और पर्यावरण के सचिव के तहत एक वरिष्ठ प्रत्निधि के रूप में ताइवान द्वीप का दौरा करने गए हैं। इससे पूर्व अमेरिका के एक अन्य वरिष्ठ प्रतिनिधि और ट्रम्प प्रशासन के सचिव एलेक्स एम. अजर ताइवान गए थे और तब भी चीन ख़ूब बिलबिलाया था। ताइवान ने भी अपने बचाव के मद्देनज़र अपनी वायु सेना द्वारा चीनी विमानों को चेतावनी दी है।

क्रैक का दौरा ट्रम्प प्रशासन द्वारा हाल के वर्षों में चीन के प्रयासों का मुकाबला करने के लिए वैश्विक मंच पर ताइवान को अलग करने के बढ़ते प्रयास को दर्शाता है। इससे पूर्व अमेरिका के स्वास्थ्य और मानव सेवाओं के सचिव एलेक्स एम॰ अजर ताइवान गए थे। सन 1979 के बाद ताइवान का दौरा करने वाले यह उच्चस्तरीय अमेरिकी कैबिनेट सदस्य थे।

अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा कि श्री क्रैक की ताइवान यात्रा का केंद्र ली के लिए स्मारक सेवा थी, जिसने ताइवान को तानाशाही से लोकतंत्र की ओर प्रशस्त किया। हालांकि ताइवान सरकार ने कहा कि अमेरिकी दूत आर्थिक मुद्दों पर भी चर्चा करेंगे। श्री कीथ क्रैक के ताइवान दौरे में शुक्रवार को राष्ट्रपति त्साई इंग-वेन के साथ मुलाकात भी एक विषय है।

न्यूयॉर्क टाइम्स ने कहा है कि इस यात्रा को वाशिंगटन और ताइपे के बीच प्रगाढ़ संबंधों की एक कड़ी के रूप में देखा जा रहा है। इसका कारण वाशिंगटन और बीजिंग के बीच संबंधों में तेजी से तनावपूर्ण होना है। चीन ने हाल ही में संकरी जलडमरू मध्य में सैन्य गतिविधियों को आगे बढ़ाया है जो मुख्य भूमि को द्वीप से अलग करता है।

ताइवान के स्थानीय दैनिक पत्रों की माने तो ताइवान की विदेशी मामलों और राष्ट्रीय रक्षा समिति की गवर्निंग डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी के एक विधायक त्साई शिह-यिंग ने कहा है, “देश की पहली प्राथमिकता चीन को यह बताना है कि ताइवान बल के खतरे के सामने नहीं झुकेगा।’’

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