चीन को लगने जा रहा एक और तगड़ा झटका, वजह है TIK-TOK

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नई दिल्ली॥ TIK-TOK एप के स्वामित्व को लेकर सिलिकन कंपनी ओरेकल-वालमार्ट और ‘चीनी बाइटडाँस’ कंपनी के बीच घनी धुँध छा गई है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने खरे-खरे शब्दों में कह दिया है कि जब तक TIK-TOK पर ओरेकल-वालमार्ट का स्वामित्व नहीं होगा, वह अमेरिका में TIK-TOK को चीनी हाथों में खेलने की इजाज़त नहीं दे सकते। उधर चीनी प्रशासन ने दावा किया है कि बाइटडाँस एक लाइसेंसधारी चीनी कंपनी है, वह उसके नियमों में बंधी है।

जानकारों का मत है कि शनिवार को प्रस्तावित समझौते की शर्तों में चीनी कंपनी बाइटडाँस ने ‘TIK-TOK ग्लोबल’ के रूप में नई कंपनी में अपने 80 प्रतिशत अंश होने और इसके मालिक झाँग एमिंग सहित चार निदेशक अमेरिकी निदेशकों को लेने की बात स्वीकार की थी। ये चार अमेरिकी निदेशक वे होंगे, जिनके कंपनी में पहले से मेजर शेयर हैं। प्रस्ताव में ओरेकल-वालमार्ट के हिस्से 20 प्रतिशत अंश की बात कही गई थी।

अमेरिकी पक्ष का कथन है कि वह नई कंपनी में बाइटडाँस के मालिक झंग यीमिंग को निदेशक पद देने को तैयार है, लेकिन अन्यान्य निदेशकों पर उसका कोई दबाव नहीं होगा। इसमें वाणिज्य विभाग की विदेश विनियोजन समिति सहित ओरेकल और वालमार्ट कंपनी के निदेशक लिए जाने पर दबाव डाला जा रहा है।

बाइटडाँस प्रवक्ता का कथन है कि नई कंपनी ‘TIK-TOK ग्लोबल’ के एक साल के अंदर न्यू यॉर्क स्टाक में नए शेयर जारी होंगे और तब तक बाइटडाँस का कंपनी पर आधिपत्य जारी रहेगा।

 

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