भारत को मित्र बताते हुए चीन ने एक बार फिर एक देश को धमकी दी है। दरअसल, चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने रविवार को अमेरिका के बाइडेन प्रशासन को चेतावनी दी कि वह पूर्व प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रंप द्वारा ताइवान का समर्थन करने के ‘खतरनाक चलन’ को वापस लें।
खबर के मुताबिक चीन ताइवान को अपना हिस्सा बताता है। चीनी विदेश मंत्री ने चीन संसद की रस्मी सालाना मीटिंग के दौरान प्रेस कान्फ्रेंस में बताया कि 1949 में महत्वपूर्ण भूमि से अलग हुए ताइवान पर चीन का दावा ‘अलंघनीय लाल रेखा’ है।
यूएसए का वैसे तो ताइवान की लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित हुकूमत के साथ ऑफिशियल रिश्ते नहीं है परन्तु उसके साथ उसका प्रगाढ़ अनौपरचारिक रिश्ता है। जनवरी में अपना कार्यकाल पूरा करके अमेरिकी राष्ट्रपति पद से हटे ट्रंप ने ताइवान के समर्थन में वहां कैबिनेट अफसरों को भेज कर चीन को क्षुब्ध कर दिया था।
चीनी विदेश मंत्री ने कहा कि ताइवान मुद्दे पर चीन सरकार के सामने समझौते या रियायत की कोई गुजाइंश नहीं है। हम नए अमेरिकी प्रशासन से ताइवान मुद्दे से जुड़ी गंभीर संवेदनशीलता को पूरी तरह समझने की अपील करते हैं। वैसे तो वांग ने इस मामले में कोई संकेत नहीं दिया कि अमेरिका अगर अपना रूख नहीं बदलता है तो चीन क्या कर सकता है परन्तु सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी ने चेतावनी दी है कि यदि ताइवान औपचारिक स्वतंत्रता की घोषणा करता है या मुख्य भूमि से जुड़ने की वार्ता में देरी करता है तो चीन उस पर हमला कर सकता है।