भारत के इतने नजदीक गिरा चीनी रॉकेट, जानें कितनी थी दूरी, टला बड़ा हादसा

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चीन का अनियंत्रित रॉकेट लॉन्ग मार्च का मलबा रविवार को धरती के वायुमण्डल में प्रवेश करने के बाद मालदीव के पास हिन्द महासागर में गिर जाने से पृथ्वी पर एक बड़ा खतरा टल गया है।

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चीन के इस गैर जिम्मेदाराना रवैये की पूरे विश्व में आलोचलना हो रही है। वहीं अमेरिका (USA) की स्पेस एजेंसी नासा ने चीन को विश्व को खतरे में डालने के लिए फटकार लगाई है। पूर्व सीनेटर और नासा के प्रशासक बिल नेल्सन ने कहा कि यह स्पष्ट है कि चीन अपने अंतरिक्ष मलबे के बारे में जिम्मेदार मानकों को पूरा करने में नाकाम हो रहा है।

29 अप्रैल को हुआ था धमाका

चीन के मैन्ड स्पेस इंजीनियरिंग कार्यालय ने बताया कि चीन के लॉन्ग मार्च 5बी रॉकेट के अवशेष बीजिंग के समयानुसार सुबह 10 बजकर 24 मिनट पर पृथ्वी के वायुमण्डल में प्रवेश करने के बाद 72.47 डिग्री पूर्वी देशांतर और 2.65 डिग्री उत्तरी अक्षांश में हिन्द महासागर के खुले क्षेत्र में गिर गया।

चीन के समाचार पत्र साउथ चाइना पोस्ट के अनुसार ज्यादातर अवशेष पृथ्वी के वायुमण्डल में आने के दौरान ही जल गए। चीन ने इस रॉकेट की मदद से अंतरिक्ष में बनाए जाने वाले अपने तियांगोंग स्‍पेस स्‍टेशन का पहला हिस्‍सा भेजा था। इस रॉकेट में 29 अप्रैल को दक्षिणी द्वीप के हेनान प्रांत में धमाका हो गया था।

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