चीनी कोरोना, जेहादी कोरोना और अब जय हो कोरोना माई !

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कोरोना वायरस की त्रासदी के चलते दुनिया संकट में है। अब तक लाखों लोगों की मौत हो चुकी है। कोरोना वायरस को लेकर शुरू से ही विवाद रहा। शुरुवात में यह चीनी कोरोना वायरस था, भारत में यह जेहादी कोरोना हो गया और अब यह खतरनाक वायरस कोरोना माई के रूप में पूज्य हो चूका है। जी हां, पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल में कोरोना माई की पूजा शुरू हो चुकी है। पूजा के दौरान कोरोना माई को लौंग, लड्डू और फूल चढ़ाए जा रहे हैं। कोरोना माता की आरती भी उतारी जा रही है।

पूरी दुनिया में भले ही वैज्ञानिक कोरोना पर रिसर्च कर रहे हैं, लेकिन पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल में कोरोना को भगाने की जिम्मेदारी महिलाओं ने उठा ली है। कोरोना माई को शांत करने के लिए उनकी उपासना हो रही है। विश्वभर में वैज्ञानिक रिसर्च में लगे हैं। सभी कोरोना का टीका बनाने में लगे हैं। लगभग हर रोज कोई न कोई टीका तैयार किया जा रहा है। वहीं दूसरी तरफ अंधविश्वास के कारण बिहार और झारखंड में कोरोना माई की पूजा शुरू हो गई है।

कोरोना माई की यह अफवाह कहां से शुरू हुई यह तो नहीं कहा जा सकता, लेकिन एक-दूसरे की देखा-देखी कोरोना माई की पूजा धड़ल्ले से शुरू हो चुकी है। अफवाहों के मुताबिक़ पिछले दिनों सोशल मीडिया पर एक महिला का वीडियो वायरल हुआ, जिसमे महिला कह रही है कि यह बिहार के बरौनी से शुरू हुआ है। बरौनी में कुछ महिलाएं खेतों में थीं, तभी कुछ गाय उधर से गुजरीं और उन गायों में से एक गाय ने महिला का रूप धारण कर लिया। यह देख खेतों में खड़ी महिलाएं विस्मित हो गईं। इसके बाद गाय रूपी महिला ने सबको पास बुलाया और कहा कि डरने की जरूरत नहीं। वह कोरोना माई हैं। अगर उनकी पूजा की जाए तो कोरोना कुछ नहीं करेगा और पूजा करने वाले का घर-परिवार सुरक्षित रहेगा।

वीडियो में महिला कह रही है कि कोरोना माई ने कहा कि वे दो बार आंधी लाकर कोरोना को बहुत हद तक भगा चुकी हैं। अगर उनकी घर-घर पूजा हुई तो एक बार और आंधी लेकर कोरोना को पूरी तरह खत्म कर देंगी। वीडियो में महिला पूजा की विधि भी बता रही है। यह वीडियो खूब वायरल हो रहा है। इस वीडियो के वायरल होने के बाद से ही पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार में महिलाएं सामूहिक रूप से निर्जन खेत में अड़हुल के 9 फूल रखकर अगरबत्ती जलाकर 9 लड्डू और 9 लौंग के भोग लगा कर कोरोना माई की आराधना कर रही हैं।

पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार की ही तरह झारखंड में भी कोरोना माई की आराधना कर रही हैं। यहां की महिलाए लोटे को कलश बना उस पर आधार कार्ड रख सूर्य उपासना कर रही हैं। कोरोना माई की पूजा के लिए बड़ी तादाद में महिलाएं नदियों के किनारे जमा होती हैं। यह भी अफवाह फैली है कि लोटे पर आधार कार्ड रखकर सूर्य को अर्घ्य देने वाली महिलाओं के खातों में मोदी सरकार का भेजा पैसा भी पहुंचेगा।
इसलिए महिलाएं आंखें मूंदकर और गंगा मइया को ध्यान में रखकर आधार कार्ड के साथ सूर्य उपासना कर रही हैं।

इस तरह तेज़ी से फ़ैल रहे अंधविश्वास और अफवाहों पर केंद्र या प्रदेश सरकारें चुप्पी साढ़े हुए हैं। तबकी इसी तरह के अंधविश्वास के चलते गत दिनों उत्तर प्रदेश में 16 साल की लड़की ने शिवलिंग पर अपनी जीभ अर्पित कर दी थी। ओडिशा में एक पुजारी ने कोरोना को भगाने के लिए एक इंसान की ही बलि दे डाली थी। यदि केंद्र या प्रदेश सरकारों ने इस तरह की अफवाहों पर ध्यान नहीं दिया तो अंधविश्वास में लोग कोई भी गलत कदम उठा सकते हैं।

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