Up Kiran, Digital Desk: बिहार में एनडीए की भारी जीत के बाद लालू प्रसाद यादव का घर इन दिनों खामोशी का शिकार नहीं है। बाहर से सब कुछ सामान्य लगता है लेकिन अंदर परिवार के भीतर तूफान चल रहा है। पुराना मुहावरा फिर सच साबित हुआ कि जीत के कई बाप होते हैं और हार हमेशा अनाथ। राष्ट्रीय जनता दल की करारी शिकायत के बाद अब सवाल यह नहीं कि हारे क्यों बलकि यह कि हार के लिए जिम्मेदार कौन।
सूत्र बता रहे हैं कि राबड़ी देवी के 10 सर्कुलर रोड वाले आवास पर हार की समीक्षा बैठक के दौरान बात इतनी बिगड़ गई कि तेजस्वी यादव के सबसे करीबी सलाहकार और राज्यसभा सांसद संजय यादव का नाम लेते ही रोहिणी आचार्य को मां-बाप के सामने गाली सुननी पड़ी और उनपर चप्पल तक चली। इसके बाद रोहिणी पटना से निकल गईं और उनकी तीन बहनें भी घर छोड़कर चली गईं।
रोहिणी ने सिर्फ संजय यादव ही नहीं बल्कि रमीज नेयाज खान का भी नाम लिया था। लेकिन असल बात यह है कि तेजस्वी यादव की कोर टीम में छह लोग ऐसे हैं जो पार्टी से लेकर उनके निजी फैसलों तक हर जगह हावी बताए जाते हैं। ये वही लोग हैं जिनके इशारे पर आरजेडी का सिस्टम चलता है। आज इन्हीं छह चेहरों की वजह से लालू परिवार दो फाड़ दिख रहा है।
संजय यादव : तेजस्वी का चाणक्य और गेटकीपर नंबर एक
हरियाणा का यह शख्स आज तेजस्वी यादव की आंख कान और दिमाग माना जाता है। क्रिकेट के दिनों में अखिलेश यादव ने ही संजय को तेजस्वी से मिलवाया था। आज तेजस्वी से मिलना हो या पार्टी में कोई बड़ा फैसला करना हो संजय की हरी झंडी के बिना कुछ नहीं होता। सीट बंटवारा हो या टिकट वितरण सबमें इनकी चलती है। तेज प्रताप यादव तो इन्हें खुलकर जयचंद कहते हैं और परिवार से अपनी दूरी का ठीकरा भी इन्हीं के सिर फोड़ते हैं। रोहिणी ने भी इशारों ही इशारों में यही कहा था कि चाणक्य बनने वालों से ही सवाल होंगे।
रमीज नेयाज खान : सोशल मीडिया का बॉस और दूसरा गेटकीपर
उत्तर प्रदेश के बलरामपुर से दो बार सपा सांसद रहे रिजवान जहीर के दामाद रमीज नेयाज खान तेजस्वी के सोशल मीडिया की पूरी कमान संभालते हैं। क्रिकेट के जमाने से ही तेजस्वी के साथ हैं। पार्टी के अंदर यह बात खुलकर कही जाती है कि संजय यादव के साथ मिलकर टिकट बंटवारे में इनका भी बड़ा रोल रहता है। रमीज उनकी पत्नी जेबा और ससुर फिरोज पप्पू यूपी में एक हत्या के मामले में आरोपी भी रहे हैं। लेकिन बिहार की सियासत में इनकी पकड़ इतनी मजबूत है कि कोई कुछ बोलने की हिम्मत नहीं करता।
शक्ति सिंह यादव : पार्टी लाइन का रखवाला
राजद के मुख्य प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव उर्फ अत्री मुनि की जिम्मेदारी है कि कोई भी नेता पार्टी लाइन से इधर-उधर न बोले। मनोज झा को चुप कराने वाला पुराना वीडियो तो आपने देखा ही होगा। हिलसा से 2015 में विधायक रहे शक्ति इस बार 16 हजार से ज्यादा वोटों से हार गए। लेकिन प्रवक्ता के तौर पर इनकी तूती आज भी बोलती है।
सुनील सिंह : राबड़ी देवी के मुंहबोले भाई और बड़बोला नेता
बिहार में बड़बोलेपन का कोई पुरस्कार होता तो सुनील सिंह जरूर जीतते। राबड़ी देवी के मुंहबोले भाई और राजद एमएलसी सुनील सिंह उन नेताओं की आवाज बनते हैं जो संजय-रमीज के रास्ते तेजस्वी तक नहीं पहुंच पाते। राबड़ी के सगे भाइयों साधु और सुभाष यादव की घर में एंट्री बंद होने के बाद सुनील की तूती सबसे ज्यादा बोलने लगी। नीतीश कुमार की मिमिक्री करने की वजह से विधान परिषद से निकाले भी जा चुके हैं लेकिन कोर्ट से फिर बहाल हो गए।
इंजीनियर सुनील : राघोपुर का संकटमोचक और फंड मैनेजर
तेजस्वी यादव के गढ़ राघोपुर में इस बार जीत महज 14 हजार वोटों से आई। पिछले चुनाव में मार्जिन 38 हजार से ज्यादा था। इस बार इंजीनियर सुनील की मेहनत ही काम आई वरना सीट जाना तय था। ठेकेदारी का धंधा करने वाले यह शख्स पार्टी में पैसे के फ्लो को मैनेज करते हैं। विधायकों की खरीद-फरोख्त के पुराने आरोपों में इनका नाम भी आता रहा है।
मोहम्मद अदनान : तेजस्वी का पीए और डायरी
तेजस्वी यादव सुबह से शाम तक सबसे ज्यादा जिस शख्स के साथ रहते हैं वह हैं उनके निजी सहायक मोहम्मद अदनान। तेजस्वी कब क्या करेंगे कहां जाएंगे किससे मिलेंगे यह पूरा शेड्यूल अदनान ही बनाते हैं। सोशल मीडिया पर क्या चल रहा है इसकी हर अपडेट भी यही देते हैं। संजय यादव के विरोधी तो यहां तक कहते हैं कि पुराने नेताओं को तेजस्वी से दूर रखने में अदनान का भी हाथ है।
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