दिल्ली कूच कर रहे किसानों और पुलिस के बीच झड़प, ईंट-पत्थर चले, बैरिकेड्स तोड़ नदी में फेंका

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नई दिल्ली. किसान बिलों के विरोध में पंजाब और हरियाणा उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, राजस्थान और केरल के किसान 26 से 28 नवंबर तक ‘दिल्ली मार्च’ निकाल रहे हैं. दिल्ली पहुंचकर किसान कानूनों के खिलाफ विरोध मार्च करने वाले हैं. किसानों के 500 संगठन इस विरोध मार्च में शामिल हैं.

Peasant movement

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में विरोध प्रदर्शन के लिए ट्रैक्टरों और पैदल चलकर आ रहे पंजाब के हजारों किसानों को हरियाणा पुलिस ने अंबाला के पास रोक दिया है. इससे भाजपा शासित हरियाणा की पुलिस और किसानों के बीच टकराव की स्थिति पैदा हो गई है. अंबाला के पास किसानों और पुलिस के बीच झड़प की खबर है.

इस दौरान ईंट-पत्थर भी चले. किसानों को रोकने के लिए सड़कों पर और पुल पर बैरिकेड्स लगाए थे जिसे किसानों तोड़कर नदी में फेंक दिया. किसानों को आगे बढ़ता देख पुलिसकर्मियों ने आज सुबह उन पर ठंडे पानी की बौछार की है और आंसू गैस के गोले भी दागे हैं.

इस बीच दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार ने कोरोना वायरस संकट को देखते हुए किसानों को दिल्ली में किसी भी तरह के जमावड़े और रैली करने की इजाजत नहीं दी है.

किसानों के आंदोलन को देखते हुए दिल्ली मेट्रो की सेवाएं बाधित हुई हैं. पड़ोसी राज्यों के शहरों तक मेट्रो सेवा दोपहर 2 बजे तक सस्पेंड कर दी गई है ताकि मेट्रो में भीड़न हो सके और किसान दिल्ली न पहुंच सकें. दिल्ली मेट्रो ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है कि पड़ोसी  राज्यों के शहरों से दिल्ली आने वाली मेट्रो को रोक दिया गया है.

कापड़ीवास बॉर्डर और पंचगाव चौक पर डीसीपी साउथ धीरज सेतिया को जिम्मेदारी दी गई है, जबकि केएमपी और गुरुग्राम- नूंह बॉर्डर पर डीसीपी मानेसर नीतिका गहलोत को सुपरवाइजर बनाया गया है. सिरहोल-दिल्ली बॉर्डर पर डीसीपी वेस्ट दीपक सहारन को नियुक्त किया गया है. पचगांव -मोहम्मदपुर अहीर रोड पर होटल वेस्टर्न कंट्री क्लब के निकट पड़ने वाले बॉर्डर पर भी डीसीपी मानेसर नितिका गहलोत को नियुक्त किया गया है.

क्यों हो रहा प्रदर्शन?

सरकार ने कृषि सुधारों के लिए 3 कानून द फार्मर्स प्रोड्यूस ट्रेड एंड कॉमर्स (प्रमोशन एंड फेसिलिटेशन) एक्ट; द फार्मर्स (एम्पावरमेंट एंड प्रोटेक्शन) एग्रीमेंट ऑफ प्राइज एश्योरेंस एंड फार्म सर्विसेस एक्ट और द एसेंशियल कमोडिटीज (अमेंडमेंट) एक्ट बनाए थे। इनके विरोध में पंजाब और हरियाणा के किसान पिछले दो महीनों से सड़कों पर हैं। किसानों को लगता है कि सरकार MSP हटाने वाली है, जबकि खुद प्रधानमंत्री इससे इनकार कर चुके हैं।

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