अन्न हर व्यक्ति का अधिकार, सभी को मिलेगा पर्याप्त राशन- सीएम शिवराज

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नई दिल्ली॥ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि मध्यप्रदेश सरकार रोटी, कपड़ा और मकान की बुनियादी सुविधाओं के साथ लिखाई, पढ़ाई और दवाई के समुचित प्रबंध के लिये प्रतिबद्ध है। समाज के गरीब तबके की थाली कभी खाली नहीं रहेगी। इसी उद्देश्य से मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजना के साथ प्रधानमंत्री गरीब अन्न योजना को समाहित कर जरूरतमंद वर्ग को प्रतिमाह खाद्यान्न देने की व्यवस्था की गयी।

Shivraj

प्रदेश के सभी जिलों में नवीन हितग्राहियों को पात्रता पर्ची और राशन के पैकेट का वितरण आज किया जा रहा है। अन्न हर व्यक्ति की आवश्यकता है। प्रदेश में 37 लाख ऐसे लोगों को यह अधिकार दिया जा रहा है, जिनके पास पात्रता पर्ची न होने से उन्हें राशन से वंचित होना पड़ रहा था।

मुख्यमंत्री ने बुधवार को ये बातें भोपाल के समन्वय भवन में राज्यस्तरीय अन्न उत्सव का शुभारंभ करते हुए कही। इस अवसर पर उन्होंने छह महिला हितग्राहियों बबीता, सीमा, शोभा, सुनीता, वंदना और बादामी देवी को राशन पैकेट और पात्रता पर्ची प्रदान की। कार्यक्रम की अध्यक्षता खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री बिसाहूलाल सिंह ने की। अन्न उत्सव प्रदेश के 52 जिलों के 22 हजार 549 ग्रामीण और 3 हजार 368 शहरी इस प्रकार कुल 25 हजार 997 स्थानों पर एक साथ आयोजित किया गया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज राजधानी, जिला, ग्राम पंचायत और वार्ड स्तर पर हो रहे कार्यक्रम से सभी नवीन हितग्राहियों को इस महीने से प्रति सदस्य 5 किलो गेहूं-चावल और प्रति परिवार एक किलो आयोडाइज्ड नमक एक रुपये प्रति किलो की दर से देने की शुरूआत की जा रही है। इसके अलावा नये पुराने सभी उचित मूल्य उपभोक्ताओं को प्रधानमंत्री गरीब अन्न योजना में आगामी नवम्बर महीने तक प्रति सदस्य 5 किलो गेहूं-चावल और एक किलो दाल नि:शुल्क दी जाएगी।

अनाज, मकान, पढ़ाई की फीस और पीने का पानी नागरिकों का अधिकार

मुख्यमंत्री ने कहा कि अनाज सहित अन्य सस्ती सुविधाएँ देना किसी वर्ग पर अहसान नहीं है। यह उनका अधिकार हैं। बुद्धिमान होकर भी बहुत से बच्चे पढ़ाई से वंचित हो जाते हैं। स्कूल शिक्षा के स्तर पर उनकी फीस तो सरकार भरती ही है अब उच्च शिक्षा की फीस भी सरकार भरेगी। इसके अलावा प्रदेश की सभी गरीब जरूरतमंद बहनों को गैस चूल्हा भी मिलेगा। ये ही नहीं हर व्यक्ति को पीने का साफ पानी और सभी को पक्का मकान भी देंगे। प्रदेश में रोजगार के अधिकाधिक अवसर उपलब्ध करवाए जाएंगे।

इसके साथ ही शासकीय नौकरियों में भी भर्ती खुलने से युवाओं को रोजगार मिलेगा। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर 37 लाख नवीन उपभोक्ताओं में से 25 लाख को लाभान्वित करने के पश्चात शेष चिन्हित 12 लाख उपभोक्ताओं सहित करीब 1.66 लाख आटो रिक्शा चालकों को भी राशन देने के लक्ष्य को पूरा करने के निर्देश सभी जिलों के कलेक्टरों को दिए। उन्होंने कहा कि गरीबों का अनाज हजम करने वाले लागों और कालाबाजारियों को छोड़ा नहीं जाएगा।

प्रधानमंत्री मोदी गरीबों के मसीहा, इसलिये मध्यप्रदेश में गरीब कल्याण सप्ताह मना रहे

मुख्यमंत्री ने कहा कि अन्न उत्सव मेरी जिंदगी की खुशी का दिन है। आज गरीबों की प्रत्यक्ष सेवा हो रही है। उन्होंने कहा कि 17 सितम्बर को प्रधानमंत्री मोदी का जन्म दिन है। मोदी गरीबों के मसीहा हैं। इसलिये मध्यप्रदेश सरकार उनके जन्मदिवस पर गरीब कल्याण सप्ताह मना रही हैं। हम सभी इस अन्न उत्सव के शुभारंभ के शुभ अवसर पर आज ही प्रधानमंत्री को बधाई देते हैं। देश को गौरवशाली, वैभवशाली और समृद्धशाली बनाने का मंतव्य रखने वाले हमारे मोदी जी योगी प्रधानमंत्री हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के साहस को देखकर देशवासी अब चीन का नाम सुनकर नहीं घबराते। भारत दुनिया की महाशक्ति है। प्रधानमंत्री ने गरीबों के लिए अदभुत कार्य किया है। उन्होंने इसी माह मध्यप्रदेश के हितग्राहियों को प्रधानमंत्री आवास योजना में आवास दिलवाए हैं। यही नहीं प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना में स्ट्रीट वेंडर्स को उनका काम धंधा ठीक से चलाने के लिये 10 हजार रुपये प्रति हितग्राही के मान से ऋण राशि दिलवाई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी प्रत्येक वर्ग के कल्याण के लिये चिंतित हैं। वन नेशन वन राशन कार्ड योजना का लाभ भी उपभोक्ताओं को दिया जा रहा है।

गरीब को चाहिए अन्न, कोई भूखा नहीं रहेगा

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रत्येक गरीब को अन्न मिले, भारत का कोई व्यक्ति भूखा न हो, ये सपना सिर्फ मेरा नहीं, डॉ. हेडगेवार, गांधी जी और पंडित दीनदयाल उपाध्याय का भी यही विचार और यही सपना था। कोरोना काल में व्यक्तियों के समक्ष रोटी, कपड़ा और मकान की समस्याएँ बढ़ गईं थीं। मध्यप्रदेश सरकार ने देश के विभिन्न भागों से लौटे व्यक्तियों के लिये भी अन्य सभी व्यवस्थाएँ कीं। कोरोना के प्रबंधन के लिए पूर्व सरकार ने कुछ नहीं किया था। मार्च के अंतिम सप्ताह से रोगियों की जाँच और उपचार की सभी व्यवस्थाएँ की गईं।

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