सीएम योगी ने मायावती को दिया बहुत बड़ा झटका, भाजपा सरकार के इस आदेश से हड़कंप, बसपाइयों को नहीं हो रहा विश्वास

img

उत्तर प्रदेश ।। यूपी के सीएम योगी ने बसपा सरकार के दौरान राजधानी लखनऊ और नोएडा में हुए स्मारक घोटाला में संलिप्त पाए गए तत्कालीन IAS अफसर राम बोध मौर्य सहित कुल 39 लोगों के विरूद्ध भ्रष्टाचार का केस चलाने की अनुमति दे दी है।

सरकार ने जिन अफसरों के विरूद्ध केस चलाने की स्वीकृति दी है, उनमें तत्कालीन निदेशक खनिज राम बोध मौर्य, राजकीय निर्माण निगम के तत्कालीन एमडी सीपी सिंह, संयुक्त निदेशक खनिज सुहेल अहमद फारुखी के अलावा 36 अन्य अफसर औ इंजीनियर शामिल हैं। ये सभी लोकायुक्त जांच में भी दोषी पाए गए थे। इनमें राम बोध व सीपी सिंह सेवानिवृत्त हो चुके हैं।

पढ़िए- आजम खां की इस सीट से विधानसभा उपचुनाव लड़ेंगी डिंपल यादव, पार्टी ने शुरू की तैयारियां

सूत्रों की मानें तो 1410 करोड़ रुपए के स्मारक घोटाले में सतर्कता अधिष्ठान ने इन अधिकारियों और इंजीनियरों के विरूद्ध दो साल पहले केस चलाने की स्वीकृति मांगी थी। अब योगी सरकार की अनुमति मिलने के बाद इन अफसरों के विरूद्ध सतर्कता अधिष्ठान न्यायालय विजिलेंस कोर्ट में चार्जशीट दाखिल करेगा। इस मामले की शुरुआती जांच लोकायुक्त जज एनके मेहरोत्रा ने की थी।

लोकायुक्त ने पूर्व मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी और बाबू सिंग कुशवाहा सहित 199 लोगों को जिम्मेदार ठहराया और सभी के विरूद्ध तत्काल एफआईआर दर्ज कराकर जांच कराने तथा घोटाले की धनराशि की वसूली करने के साथ ही पूरे मामले की जांच CBI या STF गठित कर कराने की भी संस्तुति की थी। योगी सरकार ने इसी मामले में मुकदमा चलाने की अनुमति दी है।

फोटो- फाइल

Related News