गांधी जी की 150वीं जयंती पर आइये जानते हैं उनके द्वारा चलाए गए प्रमुख आन्दोलनों के बारे में

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नई दिल्ली 30 सितम्बर यूपी किरण। 2 अक्टूबर 2020 को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी की 150वीं जयंती मनाई जा रही है। गांधी जी के जन्म के 150 साल पूरे होने के बाद भी उनके द्वारा किए गए आंदोलनों को आज भी याद किया जाता है। सर्वदा सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलने वाले बापू के महान कार्य व उपदेश आज भी लेगों को प्रेरणा देते हैं।आइये हम आपको बताते हैं गांधी के वो 5 आंदोलन जो आज भी लोगों को अंदर तक हिला देते हैं।.

असहयोग आंदोलन

महात्मा गांधी ने सर्वप्रथम 1920 मेें भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के नेतृत्व में असहयोग आंदोलन चलाया गया था। इस आंदोलन ने भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन को एक नई जागृति प्रदान की।

नमक सत्याग्रह

महात्मा गांधी द्वारा चलाए गए आंदोलनों में से नमक सत्याग्रह सबसे महत्वपूर्ण था। इस आन्दोलन मे्ं गांधीजी ने 12 मार्च, 1930 में साबरमती आश्रम से दांडी गांव तक 24 दिनों का पैदल मार्च निकाला था। यह मार्च उन्हेंने नमक पर ब्रिटिश राज के एकाधिकार के खिलाफ निकाला था।

दलित आंदोलन

छुआछूत के विरोध में गांधी जी ने 8 मई 1933 से छुआछूत विरोधी आंदोलन की शुरुआत की थी। इसके अलावा गांधी जी ने अखिल भारतीय छुआछूत विरोधी लीग की स्थापना भी 1932 में की थी।

भारत छोड़ो आंदोलन 

”भारत छोड़ो आंदोलन” की शुरुआत गांधी जी ने अगस्त 1942 में की तथा अंग्रेजों को भारत छोड़ कर जाने के लिए मजबूर करने के लिए एक सामूहिक नागरिक अवज्ञा आंदोलन ”करो या मरो” आरंभ करने का भी निर्णय लिया।

चंपारण सत्याग्रह 

चंपारण आंदोलन भारत का पहला नागरिक अवज्ञा आंदोलन था जो बिहार के चंपारण जिले में महात्मा गांधी की अगुवाई में 1917 को शुरू हुआ था। इस आंदोलन के माध्यम से गांधीजी ने लोगों में जन्मे विरोध को सत्याग्रह के माध्यम से लागू करने का पहला प्रयास किया जोकि अंग्रेजी सरकार के खिलाफ आम जनता के अहिंसक प्रतिरोध पर आघारित था।

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