निर्मल॥ जिले के संवेदनशील शहर भाइंसा में रविवार देर रात किसी बात को लेकर दो समुदाय के लोग आमने-सामने आ गये। इस दौरान दोनों पक्षों के बीच जमकर पत्थरबाजी, चाकूबाजी, मारपीट और आगजनी की कई वारदात हुईं। आगजनी में बड़ी संख्या में दुकानों व प्रतिष्ठानों के अलावा वाहनों को निशाना बनाया गया। तेलंगाना राज्य का है ये मामला।
इस हिंसा में 20 से भी अधिक लोगों के गंभीर रूप से घायल होने की सूचना है। इनमें चार पुलिस कर्मचारी और तीन पत्रकार शामिल हैं। हिंसा के आरोप में एक सौ से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया और शहर में कर्फ्यू लगा दिया गया है। प्रशासन ने राजनीतिक दलों के नेताओं के शहर में आने पर पाबंदी लगा दी है।
पुलिस अधीक्षक विष्णु सहित जिले के कई उच्च अधिकारी घटनास्थल पर पहुंच गए। देर रात में ही शहर के संवेदनशील इलाकों में बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है। शहर का इंटरनेट नेटवर्क भी बंद कर दिया गया। जिले में BJP और एआईएमआईएम के नेताओं के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है।
सोमवार को एक पुलिस अफसर ने न्यूज एजेंसी को बताया है कि हिंसा और उपद्रव करने के आरोप में एक सौ से अधिक दंगाइयों को हिरासत में ले लिया है। उन्होंने बताया कि सीसीटीवी की फुटेज की जांच की जा रही है। इसमें चिन्हित दोषियों को गिरफ्तार किया जायेगा।
BJP (BJP) के प्रदेश अध्यक्ष करीमनगर के सांसद बंडी संजय ने निर्मल जिले में हुई हिंसा को लेकर सरकार की कार्य शैली पर सवाल उठाये हैं। उन्होंने कहा कि हिंसा के दौरान पत्रकारों व पुलिसकर्मियों को भी निशाना बनाया गया है। इस हिंसा के लिए उन्होंने राज्य सरकार को दोषी बताते हुए पूछा कि क्या भइंसा पाकिस्तान में है।
BJP विधायक दल के नेता राजा सिंह ने भइंसा में हुए दंगों पर चिता जताते हुए मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव व गृह मंत्री महमूद अली से तुरंत ही अतिरिक्त पुलिस बल भेजकर दंगों पर नियंत्रण करने की मांग की है। राजा सिंह ने कहा कि एक छोटी सी दुर्घटना को लेकर सांप्रदायिकता का रूप देकर हिन्दुओं के घरों पर हमले करना कौन सी रीति है।
उन्होंने प्रश्न किया कि संवेदनशील इलाका होने के बावजूद पुलिस क्या कर रही है? उन्होंने कहा कि स्थानीय पत्रकारों पर भी चाकू से हमला किया गया, आखिरकार कानून-व्यवस्था है या नहीं।