Subhash Chandra Bose पर BJP और TMC के सियासी संघर्ष के बीच कांग्रेस का भी दावा

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शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार

महान स्वतंत्रता सेनानी सुभाष चंद्र बोस (Subhash Chandra Bose) की आज 125वीं जयंती है । आज पूरा देश उन्हें याद करते हुए श्रद्धांजलि दे रहा है । सोशल मीडिया पर लोग उनके बलिदान और त्याग को याद कर रहे हैं । दूसरी ओर राजनीतिक दलों में नेताजी Subhash Chandra Bose को अपने पाले में मिलाने के लिए खींचतान मची हुई है ।‌ राजनीतिक दलों में पिछले कुछ वर्षों से एक नया चलन चल गया है, महापुरुषों पर भी अपनी सियासत चमकाने का ।‌

अभी तक भाजपा और तृणमूल कांग्रेस के बीच सुभाष चंद्र बोस (Subhash Chandra Bose) को अपना बनाने के लिए संघर्ष चल रहा था लेकिन अब कांग्रेस भी इस सियासी लड़ाई में कूद गई है ।‌ जब कांग्रेस को मालूम पड़ा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नेताजी की जयंती पर कोलकाता जा रहे हैं तब उससे भी रहा नहीं गया । कांग्रेस ने भी बोस को लेकर सियासी घोषणा कर डाली । आपको बता दें कि बंगाल में विधानसभा चुनाव से पहले, बीजेपी और टीएमसी के बाद कांग्रेस भी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की विरासत का दावा कर रही हैं ।

नेताजी की ‘सबसे ऊंची प्रतिमा’ बनाएगी कांग्रेस

अब कांग्रेस ने वादा किया है कि वह राज्य में नेताजी Subhash Chandra Bose की ‘सबसे ऊंची प्रतिमा’ बनाएगी। कांग्रेस के पश्चिम बंगाल मामलों के प्रभारी जितिन प्रसाद ने कहा कि बीजेपी अब नेताजी के बारे में सोच रही है जब विधानसभा चुनाव नजदीक हैं। गुजरात में सरदार वल्लभभाई पटेल की मूर्ति की तरह पिछले छह वर्षों में नेताजी की प्रतिमा का निर्माण क्यों नहीं हुआ । उन्होंने कहा कि कांग्रेस अगर सत्ता में आती है तो नेताजी की सबसे ऊंची मूर्ति का निर्माण करेगी।

modi and mamta

भाजपा बोस की जयंती पर श्रेय न ले जाए, कांग्रेस भी हुई सक्रिय

बता दें कि जब कांग्रेस को मालूम हुआ कि भारतीय जनता पार्टी सुभाष चंद्र बोस (Subhash Chandra Bose) की जयंती पर भारी पड़ रही है तब कांग्रेस को उनकी विरासत पर दावा करने के लिए मजबूर होना पड़ा । जितिन प्रसाद ने कहा कि बीजेपी राजनीतिक लाभ के लिए नेताजी की विरासत का उपयोग करने की कोशिश कर रही है लेकिन उनकी नीतियों का पालन नहीं किया।

कांग्रेस बंगाल प्रभारी जितिन ने कहा कि ‘आजाद हिंद फौज में कई भारतीय समुदायों के लोग शामिल थे और उन्होंने उनके साथ समान व्यवहार किया। बीजेपी विभाजनकारी राजनीति करती है। बता दें कि स्वतंत्रता सेनानी नेताजी पर कांग्रेस का ये बयान बीजेपी और टीएमसी के नेताजी को ‘अपना’ कहने के बाद आया है। दूसरी ओर भारतीय फॉरवर्ड ब्लॉक, जिसे नेताजी ने स्थापित किया था, ने पहले मांग की थी कि इस दिन को ‘देशप्रेम दिवस’ के रूप में मनाया जाए। फॉरवर्ड ब्लॉक ने कहा था कि भाजपा नेतृत्व को अभी भी नेताजी Subhash Chandra Bose के योगदान का एहसास नहीं है।

तृणमूल कांग्रेस Subhash Chandra Bose की जयंती को ‘देशनायक दिवस’ के रूप में मना रही है

बंगाल चुनावों से पहले राज्य में नेताजी सुभाष चंद्र बोस (Subhash Chandra Bose) को लेकर राजनीति काफी तेज है। तृणमूल कांग्रेस की मुखिया और राज्य की सीएम ममता बनर्जी ने नेताजी की जयंती को ‘देशनायक दिवस’ के रूप में मनाने का एलान किया था। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर मांग की थी कि नेताजी के सम्मान में 23 जनवरी को राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया जाए। उसके तुरंत बाद केंद्र की भाजपा सरकार ने नेताजी की जयंती को ‘पराक्रम दिवस’ के रूप में मनाने का एलान कर दिया ।

बता दें कि केंद्र सरकार ने हर साल नेताजी सुभाष चंद्र बोस (Subhash Chandra Bose) की जयंती को पराक्रम दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया है। गौरतलब है कि खून के बदले आजादी देने का वादा करने वाले नेताजी सुभाष चंद्र बोस का नाम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में सुनहरे अक्षरों में लिखा है। 23 जनवरी 1897 को उड़ीसा के कटक में एक संपन्न बांग्ला परिवार में जन्मे सुभाष ने अपना पूरा जीवन देश के नाम कर दिया और अंतिम सांस तक देश की आजादी के लिए संघर्ष करते रहे।

 

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