कर्नाटक कांग्रेस के नेता सिद्धारमैया, पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डीके शिवकुमार और अन्य विधायकों ने अपना विरोध जारी रखा कि उन्होंने गुरुवार रात राज्य विधानसभा में मंत्री केएस ईश्वरप्पा की भगवा ध्वज टिप्पणी को लेकर इस्तीफे की मांग की।
विरोध तब शुरू हुआ जब मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने बुधवार को कांग्रेस पर विधानसभा में ध्वज संहिता का उल्लंघन करने का आरोप लगाया कि जब उन्होंने मंत्री के विरूद्ध विरोध प्रदर्शन किया, जिन्होंने कथित तौर पर कहा था कि भविष्य में भगवा झंडा राष्ट्रीय ध्वज बन सकता है और इसे लाल किले पर फहराया जाएगा।
सीएम ने कहा कि कांग्रेस नेता मंत्री के बयान के एक हिस्से को चुन-चुन कर उद्धृत कर रहे हैं और विधानसभा व लोगों को गुमराह कर रहे हैं।
तो वहीं, ईश्वरप्पा ने एक स्पष्टीकरण जारी किया है। उन्होंने यह नहीं कहा कि भगवा झंडा तुरंत लाल किले पर फहराया जाएगा, लेकिन अगले 300 या 500 वर्षों में। उन्होंने कहा कि ऐसा हो या न हो। उन्होंने यह भी कहा कि हमने राष्ट्रीय ध्वज को स्वीकार कर लिया है और किसी को इसका अनादर नहीं करना चाहिए। कानूनी तौर पर, ईश्वरप्पा ने कोई गलती नहीं की है और उनके विरूद्ध कोई कार्रवाई नहीं की जा सकती है।