बढ़ते वायु प्रदूषण और महामारी की समस्या को देखते हुए देश के विभिन्न राज्यों में किसी भी तरह के पटाखों की बिक्री पर 30 नवंबर तक पूरी तरह प्रतिबंध लग चुका है। दिवाली में पटाखे जलाने और बेचने तक पर प्रतिबंध लगाने वाले राज्यों में प्रमुख रूप से दिल्ली, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश और पश्चिम बंगाल शामिल है।
दूसरी ओर, ग्रीन पटाखे की बिक्री पर भी लगे प्रतिबंध से काफी नुकसान होने का मुद्दा भी गरमाया हुआ है। इसी बाबत कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावडेकर को पत्र लिखा है और छोटे व्यापारियों को होने वाले नुकसान पर ध्यान देने की गुजारिश की है।
सासंद मणिकम टैगोर ने केंद्रीय मंत्री को लिखे अपने पत्र में कहा है कि सीधे तौर पर सभी पटाखों पर प्रतिबंध लगाने से ग्रीन पटाखे के उद्योग-धंधों पर बुरा असर पड़ेगा। उन्होंने यह भी कहा है कि कोरोना महामारी के दौरान वैसे भी सूक्ष्य, लघु और मध्यम उद्योग (एमएसएमई) वाले व्यापारी-दुकानदार काफी परेशान थे।
कांग्रेस नेता ने पत्र में आगे लिखा है कि पहले सरकार ने इको फ्रेंडली पटाखे बेचने की अनुमति दी थी, जिसके बाद इसके उत्पादन पर काफी काम हुआ और स्टॉक जमा हो चुका है। ऐसे में अब अचानक अगर ग्रीन पटाखों पर प्रतिबंध लगाया जाएगा तो व्यापारियों को भारी आर्थिक क्षति होगी। उन्होंने मांग की है कि केंद्रीय मंत्री नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) को वास्तविक स्थिति से अवगत कराते हुए व्यापारियों और लोगों के रोजगार-धंधों के बरबाद होने का सच बताएं। प्रदूषण रोकथाम की दिशा में चीन में निर्मित पटाखों तथा सामान्य पटाखों पर प्रतिबंध लगाते हुए कम मात्रा में ही सही ग्रीन पटाखों की बिक्री को हरी झंडी दिखाई जाए।