कांग्रेस के निशाने पर ये सरकारी APP, उठाए BJP पर सवाल

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कोरोना काल में लोगों को सुरक्षित रखने की दिशा में उपयोगी कदम के तौर पर देखा जाने वाला ‘आरोग्य सेतु ऐप’ वर्तमान में राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता का केंद्र बन गया है। इस ऐप को लेकर कांग्रेस पार्टी ने केंद्र सरकार पर हमला बोल रखा है। उसका कहना है कि जिस ऐप के निर्माण और रखरखाव तक की जानकारी सरकार के पास नहीं है, तो फिर इसके जरिए इकट्ठा किए गए डाटा का क्या होगा। उन्होंने कहा कि इस मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।

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कांग्रेस प्रवक्ता जयवीर शेरगिल ने आरोग्य सेतु ऐप को लेकर भाजपा सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि पहले तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से लेकर सभी मंत्री इस ऐप की खूबियां गिनाने में लगे थे। लेकिन जैसे ही किसी ने आरटीआई के जरिए इसके बारे में जानकारी मांगी तो सभी ने हाथ खड़े कर दिए।

उन्होंने पूछा कि आखिर क्या वजह है कि अपने ही बनाए ऐप के बारे में सरकार कोई स्पष्ट उत्तर नहीं दे पा रही। सरकार क्यों नहीं बताना चाहती कि ऐप को किसने और कहां बनाया? इस मामले की पूरी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। साथ ही सरकार को बताना होगा कि इस ऐप का सारा डाटा किसके पास है? उस डाटा का क्या और कहां उपयोग किया गया?

जयवीर शेरगिल ने कहा कि सरकार की पूरी जवाबदेही बनती है और वह अपनी जिम्मेदारियों से बच नहीं सकती। उन्होंने सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि क्या इस ऐप को बनाने का भाजपा का लक्ष्य लोगों की जान बचाना था या लोगों के घर में झांकना था? उन्होंने कहा कि ताकझांक को लेकर तो भाजपा का ट्रैक रिकॉर्ड काफी पुराना है। कांग्रेस नेता ने पार्टी का नाम बदलने को लेकर भी तंज कसा। उन्होंने कहा कि भाजपा को अपना नाम बदलकर ‘भ्रष्ट जासूस पार्टी’ और एनडीए का पूरा नाम ‘नो डाटा एवलेबल’ रख लेना चाहिए।

उल्लेखनीय है कि आरोग्य सेतु ऐप को लेकर सूचना के अधिकार (आरटीआई) के जरिए कुछ सवाल किए गए थे, जिस पर सरकारी वेबसाइटों को डिजाइन करने वाले नेशनल इन्फॉर्मेटिक्स सेंटर (एनआईसी) ने कहा कि ऐप को किसने बनाया उसे नहीं पता। एनआईसी के इस जवाब के बाद से ही पूरा माहौल गर्माया हुआ है। जहां विपक्षी पार्टियां सरकार को घेरने में लगी हैं, वहीं मुख्य सूचना आयोग (सीआईसी) ने चीफ पब्लिक इन्फॉर्मेशन के अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी कर सही सूचना देने को कहा है।

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