सेना का खर्च घटाने के प्रस्ताव पर कांग्रेस ने सरकार पर साधा निशाना, जानें क्या कहा

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कोरोना समस्या और लॉकडाउन के बाद देश की गिरती अर्थव्यवस्था को लेकर सरकार खर्चे कम करने की नीति पर काम कर रही है। इस क्रम में भारत सरकार सेना के खर्च में भी कटौती करने की योजना बना रही है। सरकार के इस फैसले को लेकर कांग्रेस ने तीखी आलोचना की है। उसने पूछा है कि सेना के खर्च में कटौती कर मोदी सरकार देशभक्ति का कौन का प्रतिमान स्थापित करना चाहती है।

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देश के आर्थिक स्थिति को देखते हुए खर्च कम करने की दिशा में सरकार द्वारा सेना का खर्च घटाने का प्रस्ताव लाने पर कांग्रेस ने निशाना साधा है। पार्टी ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से लिखा है कि ‘सेना और सैनिक देश की शान हैं। मोदी सरकार सेना के खर्च में कटौती करके देशभक्ति का कौनसा प्रतिमान स्थापित कर रही है? भाजपा सरकार न सेना के जवान की है और न ही खेत में खड़े किसान की।’

दरअसल, एक अंग्रेजी अखबार ने भारत सरकार द्वारा खर्च घटाने की प्रक्रिया को लेकर एक रिपोर्ट प्रकाशित की है। जिसमें कहा गया है कि सरकार ने सेना का ‘खर्च घटाने’ और ‘संसाधनों के बेहतर इस्तेमाल’ के लिए कई बदलावों का प्रस्ताव रखा है।

इन प्रस्तावों में 15 जनवरी (थल सेना दिवस) को होने वाले आर्मी डे समारोह को बंद करने, नौ अक्टूबर को होने वाली अलग-अलग रेजीमेंट्स की परेड को बंद करने, सैन्य अधिकारियों के लिए निजी मेस बंद करने तथा पीस स्टेशन यूनिट्स में सीएसडी कैंटीन बंद करने जैसे सुझाव दिए गए हैं। ये सुझाव सेना की आंतरिक व्यवस्था की समीक्षा के मद्देनज़र तैयार की गई एक रिपोर्ट का हिस्सा हैं। इस रिपोर्ट का शीर्षक “ऑप्टिमाइज़ेशन ऑफ़ मैनपावर ऐंड रिसोर्सेज़: रिव्यू ऑफ़ प्रैक्टिसेज़ ऐंड फ़ेसिलिटीज़ इन आर्मी” है।

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