बीजेपी को सत्ता से बाहर करने के लिए कांग्रेस की नई रणनीति, पूर्वांचल की इन सीटों पर BJP का सूपड़ा होगा साफ

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लखनऊ। यूपी लोकसभा चुनाव में बीजेपी को मात देने के लिए कांग्रेस ने अपनी चाल चल दी है। प्रियंका गांधी पूर्वांचल की खास सीटों पर बीजेपी प्रत्याशियों को मात देने के लिए कांग्रेस ”जीतेंगे नहीं तो जीतने भी नहीं देंगे” की रणनीति पर चल रही है। पार्टी के रणनीतिकारों की पूरी कोशिश है कि चुनाव में ऐसे प्रत्याशियों पर दांव लगाया जाए जो खुद जीत न सके पर बीजेपी के वोट बैंक में जरूर सेंधमारी कर सके। मतलब साफ है कि कांग्रेस उम्मीदवार जीते या न जीते, पर भाजपा प्रत्याशी भी नहीं जीतना चाहिए।

माना जा रहा है कि प्रदेश में कांग्रेस को खास सफलता हाथ नहीं लगने वाली है। ऐसे में पार्टी कम से कम ऐसे प्रत्याशी मैदान में उतारे जो बीजेपी के वोट बैंक को बांट सके। तभी बीजेपी के उम्मीदवारों की हार संभव है। मसलन, कांग्रेस बस्ती में भाजपा के सामने धीरू सिंह व बांसगांव सीट से भाजपा के कमलेश पासवान के समक्ष उनके सजातीय पूर्व आईएएस कुश पासवान को मौका देकर बीजेपी के सामने मुश्किल खड़ी करने की कोशिश में है। डुमरियागंज सीट पर प्रियंका गांधी किसी ब्राह्मण नेता को प्रत्याशी बनाने पर विचार कर रही हैं।

चूंकि कांग्रेस को यह भान है कि यूपी में भाजपा, गठबंधन और कांग्रेस की कड़ी टक्कर हो सकती है। ऐसे में किसी दल को पूर्ण बहुमत न मिलने की दशा में वो अन्य विपक्षी दल कांग्रेस को सपोर्ट कर सकते हैं। जानकारों का कहना है कि इसलिए यह रणनीति दर्जन भर से ज्यादा सीटों पर अमल में लाई जा रही है।

इस रणनीति को ध्यान में रखते हुए कांग्रेस अपने तमाम प्रत्याशियों को बदलने पर विचार कर रही है। इनमें पूर्वी उत्तर प्रदेश की डुमरियागंज सहित पूर्वाचल की 14 सीटें हैं जहां नये सिरे से प्रत्याशी चयन पर विचार हो रहा है। इनमे डुमरियागंज, महाराजगंज, बस्ती, बासंगांव, श्रावस्ती आदि की सींटें प्रमुख है। वहीं भाजपा की भी प्रत्याशियों के बदलाव से होने वाले नफा नुकसान पर नजर है।

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