गोरखपुर॥ मुझे कोविड के दोनों टीकों पर पूरा भरोसा था। शायद यही वजह है कि इस बार नौवें दिन ही मेरी कोविड रिपोर्ट निगेटिव आ गयी। पिछली बार की तरह सांस फूलने की भी दिक्कत नहीं थी।
टीके से मेरा मनोबल ऊंचा बना रहा।’’ यह कहना है चरगांवा ब्लॉक के रैपिड रिस्पांस टीम (आरआरटी) के चिकित्सा अधिकारी डॉ. मनोज कुमार मिश्र का। वह दो बार कोरोना को होम आइसोलेशन में हरा कर फिर से कोविड मरीजों की सेवा में जुट गये हैं। वह पिछले साल अगस्त में और इस साल अप्रैल में आरआरटी ड्यूटी के दौरान ही कोविड पॉजिटिव हो गये। अब वह स्वस्थ हो चुके हैं और फिर से ड्यूटी कर रहे हैं।
पिछले साल अगस्त के आखिरी सप्ताह में डॉ. मनोज को बुखार हुआ। एक –दो दिन बुखार की दवा लेने के बाद भी जब हालत नहीं सुधरी तो उन्होंने कोविड जांच करवाई। अगस्त की 31 तारीख को जांच रिपोर्ट पॉजीटिव आई। शरीर में दर्द के अलावा सांस फूलने की भी दिक्कत महसूस होने लगी। ऑक्सीजन लेवल 90 से ऊपर था और सीने में सिर्फ दर्द था, इसलिए डॉ. मनोज ने होम आइसोलेशन का विकल्प चुना।
हालांकि किसी न किसी चूक के कारण वह 14 अप्रैल 2021 को दोबारा कोरोना की जद में आ गये। एंटीजन रिपोर्ट पॉजीटिव आई, लेकिन इस बार सांस फूलने की दिक्कत नहीं थी। सीने में दर्द और बुखार था। एक बार कोविड का अनुभव और टीकाकरण के प्रति विश्वास के कारण उन्होंने फिर से होम आइसोलेशन का ही विकल्प चुना। सतर्कता से घर पर ही इलाज लिया और ठीक हो गये।
डॉ. मिश्र बताते हैं कि होम आइसोलेशन के दौरान वह सुबह काढ़ा और पपीता, संतरा और नासपाती जैसे फलों का सेवन करते थे। दोपहर में दाल, रोटी और सब्जी के साथ हरे सलाद का सेवन किया। दिन में दो-तीन घंटे की अच्छी नींद ली। सुबह-शाम योगा और प्राणायाम किया। रात में हल्दी दूध का सेवन करते थे।
इसके अलावा दवा का सेवन समय से किया और ऑक्सीजन का स्तर हमेशा चेक करते रहे। कभी भी आत्मबल को कमजोर नहीं होने दिया और यह विश्वास रखा कि उन्हें टीके की दोनों डोज लग चुकी है। इस तरह वह 22 अप्रैल को नौवें दिन ही एंटीजन रिपोर्ट निगेटिव हो गयी। 24 अप्रैल को उनकी आरटीपीसीआर रिपोर्ट भी निगेटिव आई।
डॉ. मिश्र का कहना है कि लोग अपनी बारी आने पर निःसंकोच टीका लगवाएं लेकिन दोनों डोज लेने के बाद भी कोविड प्रोटोकॉल का पालन करना आवश्यक है। दो गज की दूरी, हाथों की स्वच्छता, मॉस्क का इस्तेमाल, खांसते-छींकते समय सावधानी जैसे उपाय सभी को आत्मसात करने होंगे। टीका लगने के बाद यह न समझें कि कोविड नहीं हो सकता है। कोविड हो सकता है, लेकिन उसकी जटिलताएं कम होंगी। सावधानी न बरतने वाले कोविड से बीमार हो जाएंगे। इसलिए दवाई के साथ कड़ाई के फार्मूले पर विशेष ध्यान देना होगा।