पब्लिक टायलेट में फ़ेस मास्क पहन कर घुसें, तो हो सकता है कोरोना

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चीन के चुनिंदा संक्रमण विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि सार्वजनिक टायलेट में घुसने से पहले फ़ेस मास्क ज़रूर पहने। उन्होंने कहा कि थोड़ी सी असावधानी कोरोना संक्रमण के रूप में महँगी पड़ सकती है। उनका कहना है कि मल-मूत्र के वेग से प्रवाहित होने के दौरान कोरोना संक्रमण के फैलने की अधिक आशंकाएँ बनी रहती हैं। इसलिए इन शोचालयों के हर बार उपयोग किए जाने के साथ इन्हें किटाणू नाशक रसायन से साफ़-सुथरा किया जाना अनिवार्य है। मूत्र के तेज़ी से प्रवाहित होने पर संक्रमण के कण हवा में जाकर मनुष्य को क्षति पहुँचा सकते हें।

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‘जर्नल फ़िज़िक्स ऑफ फ़्लूइड’ की सोमवार को जारी एक ताज़ा रिपोर्ट में नगर निकायों को भी हिदायत दी गई है कि वह सार्वजनक टायलेट को किटाणू नाशक फिनायल आदि से हर बार साफ़ करवाएँ। साथ ही इन शोचालयों का इस्तेमाल करने वालों को भी सतर्क किया गया है कि मल-मूत्र करते समय किसी नल अथवा पात्र को नहीं छूएं और श्वास क्रिया को संतुलित बनाएँ रखें। ऐसे समय में ज़ोर-ज़ोर से साँस लेने के कारण मल-मूत्र के विषाणु से कोरोना संक्रमण की आशंका हो सकती है।

चीनी शोध शास्त्री शियांगडोंग लियु ने इस जर्नल में इस बात को रेखांकित किया है कि कोरोना संक्रमण के लिए शोचालय की तुलना में सार्वजनिक मूत्रालय और भी ज़्यादा घातक हैं, क्योंकि इसमें मूत्र के साथ जल प्रवाह से किटाणू वेग से हवा में घुल मिल जाते हैं।

उन्होंने जर्नल में आगाह किया है कि मूत्रालयों में जल प्रवाह से बैकटेरिया और संक्रमण को बढ़ावा मिलता है और ख़ास तौर पर उन जगह जहाँ मूत्रालयों में जल प्रवाह का साधन नहीं होता अथवा ऐसे सार्वजनिक मूत्रालयों को किटाणू रहित किए जाने की कोई व्यवस्था नहीं रहती। इस स्टडी में कहा गया है कि मूत्रालय में जल प्रवाहित किए जाने के बाद किटाणू दो फ़ुट ऊँचे उठते हैं। ऐसे में फ़ेस मास्क नहीं पहना हो तो वह व्यक्ति को संक्रमित कर सकता है।

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