नई दिल्ली। देश में कोरोना की चौथी लहर ने दस्तक दे दी है। देश भर में 24 घंटे में कोविड के 3,377 नए मामले सामने आए हैं जबकि 60 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। कोरोना की सबसे तेज रफ्तार दिल्ली में देखने को मिल रही है। यहां नए संक्रमितों और एक्टिव मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है।
दिल्ली सरकार के कोविड बुलेटिन का अनुसार, बीते दिन यानी गुरुवार को राष्ट्रीय राजधानी में कोरोना के 1,490 नए दर्ज किये गए जबकि 2 मरीजों की मौत हुई है। यहां संक्रमण दर 4.62 फीसदी रिकॉर्ड की गई। संक्रमण बढ़ने के बावजूद दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन जनता ढांढस बंधा रहे हैं कि घबराने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि भले ही कोरोना केसों में इजाफा हो रहा लेकिन स्थिति अभी गंभीर नहीं हुई है क्योंकि लोगों में गंभीर बीमारी नहीं हो रही है और हॉस्पिटल में एडमिट होने वाले मरीजों की संख्या भी काफी कम है।
बता दें कि दिल्ली में कोरोना के मामलों में उछाल की वजह ओमिक्रॉन के सब-लाइनेज BA.2.12 को माना जा रहा है। स्वास्थ्य अधिकारियों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक अप्रैल महीने के शुरुआती दो हफ्तों में आधे से ज्यादा सैंपल में BA.2.12 पाया गया था। इसके साथ ही कुछ सैंपल ने BA.2.10 भी मिला है।
मालूम हो कि राष्ट्रीय राजधानी में संक्रमण दर में तेजी से इजाफा हो रहा है। बीच में ये 8 फीसदी के स्तर पर पहुंच गई थी और अभी भी ये 4.5 फीसदी के ऊपर ही बनी हुई है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) का कहना है कि 5 फीसदी से ऊपर की संक्रमण दर ‘चिंताजनक’ होती है। राजधानी में संक्रमण दर के बढ़ने और कोरोना के मामलों में उछाल देखने के बाद लॉकडाउन लगने के भी कयास लगाए जा रहे हैं।
दिल्ली की जनता और कारोबारियों को लॉकडाउन लगने का डर सताने लगा है। हालांकि, सरकार की तरफ से अभी लॉकडाउन को लेकर कोई बात नहीं कही गई है। हालांकि पिछली तीन लहरों में ये देखा जा चुका है कि सरकार शुरू में लॉकडाउन की बात नहीं करती, लेकिन संक्रमण बढ़ने के बाद पाबंदियां लगनी शुरु हो जाती हैं। हालांकि, स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन का कहना है कि हालात गंभीर नहीं है क्योंकि वैक्सीनेशन और नैचुरल इम्युनिटी की वजह से संक्रमितों को अस्पताल में एडमिट होने की आवश्यकता नहीं पड़ रही है।