गुरु पूर्णिमा पर उड़ी कोरोना नियमों को धज्जियां, हरिद्वार ने उमड़ी श्रद्धालुओं को भीड़

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हरिद्वार। आज गुरु पूर्णिमा का पर्व है। इस मौके पर हजारों श्रद्धालुओं ने हरिद्वार समेत देश की कई पवित्र नदियों में स्नान किया। इस दौरान हर जगह कोरोना गाइडलाइन की जमकर धज्जियां उड़ी। वहीं, हरकी पैड़ी क्षेत्र में कोरोना नियमों का पालन करवाने के प्रशासन के दावों की धज्जियां उड़ गयी। हरिद्वार के विभिन्न गंगा घाटों पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं किया जा रहा है। अधिकतर लोग मास्क भी पहने नहीं नजर आ रहे हैं।

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शुक्रवार को श्यामपुर बॉर्डर से कांवड़ियों के पांच वाहन वापस किये गए। नारसन, चिड़ियापुर, श्यामपुर, भगवानपुर से 120 वाहनों को वापस किया गया। ये लोग हरिद्वार आ रहे थे और इनके पास आरटीपीसीआर निगेटिव रिपोर्ट भी उपलब्ध नहीं थी। हरिद्वार बॉर्डर पर जब वाहन स्वामियों से कोरोना टेस्ट कराने के लिए कहा गया तो उन्होंने टेस्ट कराने से मना कर दिया।

गौरतलब है कि कोरोना के खतरे को देखते हुए 24 जुलाई को गुरु पूर्णिमा का पर्व स्नान सांकेतिक रखा गया था। कहा गया था कि श्री गंगा सभा के लोग और तीर्थ पुरोहित ही सांकेतिक रूप से पूजन कर स्नान करेंगे। इसके साथ ही कांवड़ मेला स्थगित होने के बाद हरिद्वार के बॉर्डर पर पुलिस का पहरा बढ़ा दिया गया। 25 जुलाई से सावन का महीना भी शुरू हो रहा है। इस मौके पर देश के अलग-अलग कोनों में भक्त गुरु पूर्णिमा पर हरिद्वार में रहने वाले अपने गुरुओं का पूजन करने आते हैं, लेकिन इस बार हरिद्वार आने वाले भक्तों को अपनी 72 घंटे पूर्व की कोविड निगेटिव रिपोर्ट लानी है।

जिले के बॉर्डर पर भक्तों को निगेटिव रिपोर्ट दिखाकर ही प्रवेश मिल रहा है। जिलाधिकारी सी रविशंकर कहा था कि कोविड-19 संक्रमण के प्रसार को देखते हुए उत्तराखंड सरकार ने सावन के महीने में कांवड़ यात्रा पर प्रतिबंध लगाया है। उन्होंने कहा कि गुरु पूर्णिमा पर बाहरी राज्यों के श्रद्धालुओं के हरिद्वार आने की संभावना है, इससे कोरोना संक्रमण के प्रसार की आशंका बढ़ सकती है। लिहाजा गुरु पूर्णिमा पर्व स्नान सांकेतिक होगा। जिले की पुलिस और प्रशासन के अधिकारी 24 जुलाई को कोविड-19 के संबंध में केंद्र एवं राज्य सरकार की गाइडलाइन का सख्ती से पालन कराएंगे।

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