इस देश में विकसित कोरोना वैक्सीन लोगों को कर सकती है गंभीर बीमार, है खतरनाक- एक्सपर्ट

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कोरोना का कहर दुनियाभर में तेज़ी से बढ़ते ही जा रहा है, ऐसे में इसको रोकने के लिए वैक्सीन की खोज में दुनियाभर के वैज्ञानिक जुटे हुए हैं. वहीँ बता दें कि चीन में कम से कम चार दवा कंपनियां कोरोना वैक्सीन बनाने पर काम कर रही हैं. Sinovac कंपनी की कोरोना वैक्सीन के पैकेट पर साफतौर से लिखा है कि इसे चीन के नेशनल मेडिकल प्रोडक्ट्स एडमिनिस्ट्रेशन की ओर से मंजूरी नहीं मिली है.

 

बता दें कि लेकिन The Epoch Times की रिपोर्ट के मुताबिक, चीन की एक सरकारी कंपनी ने कुछ कर्मचारियों को अनिवार्य रूप से वैक्सीन लगवाने को कहा है. theepochtimes.com को कंपनी का एक आंतरिक डॉक्यूमेंट हाथ लगा है जिससे ये जानकारी मिली है कि TravelSky Technology नाम की कंपनी ने अपने कुछ कर्मचारियों को अनिवार्य रूप से कोरोना वैक्सीन ट्रायल में हिस्सा लेने को कहा गया है.

वहीं, एक्सपर्ट का कहना है कि सरकारी एजेंसियों से वैक्सीन को मंजूरी नहीं मिली है और ये खतरनाक है. रिपोर्ट के मुताबिक, 15 जून के डॉक्यूमेंट से पता चलता है कि कंपनी ने सात समूहों के अपने कर्मचारियों को CoronaVac वैक्सीन ट्रायल में हिस्सा लेने को कहा है.  दिसंबर 2019 के आंकड़े के मुताबिक, कंपनी के कुल 7,476 कर्मचारी हैं. कंपनी ने डॉक्यूमेंट में यह भी दावा किया है कि वैक्सीन काफी सुरक्षित है और प्रभावी है.

अमेरिका की सोसायटी ऑफ टॉक्सिकोलॉजी के सदस्य और चाइनीज यूनिवर्सिटी ऑफ हॉन्ग कॉन्ग से जुड़े चान किंग मिंग कहते हैं- ‘ये वैक्सीन खतरनाक हो सकते हैं. ये वैक्सीन शायद काम ही न करे. सबसे बुरी स्थिति में ये भी हो सकती है कि वैक्सीन की वजह से लोग संक्रमित हो जाएं और उन्हें वुहान वालों की तरह न्यूमोनिया हो जाए.’

चान किंग मिंग ये भी सवाल करते हैं कि इस वैक्सीन को मंजूरी नहीं मिली है तो इससे सुरक्षा के लिए कौन जिम्मेदार होगा? बता दें कि बीजिंग स्थित कंपनी Sinovac Biotech ने CoronaVac नाम से कोरोना वैक्सीन कैंडिडेट तैयार किया है. वहीं, अमेरिका और ब्रिटेन में वैक्सीन ट्रायल के दौरान वैसे लोगों को खुराक दी जा रही है जो खुद से अपने रिस्क पर वैक्सीन लगवाने के लिए आगे आ रहे हैं.

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