नई दिल्ली: दुनिया भर में कोरोना वायरस का कहर थमने का नाम नही ले रहा है। वहीं मामले 2.7 करोड़ हो चुके हैं। और लाखों लोग अब तक इस महामारी से अपनी जान गवां चुके हैं। और करोड़ों लोग की जान खतरे में है। ऐसे में दुनिया भर के लोग इस वायरस का खात्मा करने के लिए एक वैक्सीन या टीके का इंतजार में जुटे हैं। कई देश और कई कंपनियां वैक्सीन बनाने की दौड़ में हैं। और कई वैक्सीन का ट्रायल अपने अंतिम चरण में हैं। लेकिन विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अभी तक किसी भी वैक्सीन को स्वीकृति नहीं दी है। वैक्सीन की उम्मीद और बढ़ गई, जब अमेरिकी स्वास्थ्य सुरक्षा एजेंसी सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन ने 50 राज्यों से कहा कि अमेरिकी चुनाव से ठीक दो दिन पहले 1 नवंबर तक कोरोना वैक्सीन के वितरण के लिए तैयार रहें।
और उधर, रूस इसी महीने अपनी स्पुतनिक वी वैक्सीन बाजार में लाने को तैयार हो गया है। आपको बता दे हाल ही में डब्ल्यूएचओ ने जोर देकर कहा था। कि वह कभी ऐसी वैक्सीन का समर्थन नहीं करेगा। जो जल्दबाजी में विकसित की गई हो और प्रभावशाली के साथ सुरक्षित साबित न हुई हो। डब्ल्यूएचओ के मुताबिक मौजूदा वक्त में 37 वैक्सीन क्लिनिकल ट्रायल के अलग-अलग फेज में हैं। वहीं डब्ल्यूएचओ भी लगभग 188 वैक्सीन की निगरानी कर रहा है। और इनमें से कुछ ट्रायल फाइनल स्टेज में भी हैं। जानकारी के मुताबिक 188 में 9 अंतिम चरण में हैं। अंतिम चरण में कंपनियां हजारों वॉलंटियर पर अपने वैक्सीन का परीक्षण कर रही हैं। जिससे ये सुनिश्चित किया जा सके कि वे सुरक्षित हैं।