इस देश ने अमेरिका को दी धमकी, कहा- ये कानून पास हुआ तो परिणाम भुगतने को तैयार हो जाएग US

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न्यूयॉर्क॥ अमेरिका ने बुधवार को उइगर मुस्लिमों और हांगकांग के साथ व्यवहार को लेकर चीन पर दबाव बढ़ाया है। अमेरिकी विदेश विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने होनोलूलू सैन्य अड्डे पर वरिष्ठ चीनी अधिकारी यांग जेएची के साथ मुलाकात की। विदेश विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर है। ऐसे में दोनों विदेश मंत्री मीडिया से दूर मिले।

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जैसे ही पोम्पिओ की यांग से मुलाकात हुई, ट्रम्प ने एक कानून पर हस्ताक्षर किए, जो चीन के लाखों उइगर मुसलमानों और अन्य तुर्क मुस्लिमों की नजरबंदी में शामिल अधिकारियों पर प्रतिबंधों को लागू करता है।

बीजिंग ने इसका तुरंत जवाब दिया कि यह कानून “चीन पर एक दुर्भावनापूर्ण हमला” है और अमेरिका को इसके परिणाम भुगतने की धमकी भी दी। चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा, “चीन पूरी तरह से उसका जवाब देगा और बाद में अमेरिका सभी परिणामों का बोझ उठाएगा।”

पोम्पिओ और सात प्रमुख औद्योगिक लोकतंत्रों के समूह के उनके समकक्षों ने हांगकांग में नये सुरक्षा कानून के बारे में “गंभीर चिंताओं” का एक संयुक्त बयान दिया है। ब्रिटेन, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान और अमेरिका ने संयुक्त बयान में कहा, “हम चीन सरकार से इस फैसले पर पुनर्विचार करने का पुरजोर आग्रह करते हैं।”

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इसके जवाब में चीनी विदेश मंत्रालय की वेबसाइट पर एक बयान के अनुसार यांग ने पोम्पिओ के साथ बैठक में कहा कि कानून को लागू करने के लिए बीजिंग का “दृढ़ संकल्प अटूट” है। यांग ने कहा कि चीन हांगकांग से संबंधित मुद्दों पर जी-7 विदेश मंत्रियों द्वारा दिए गए बयान का विरोध करता है।

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