अजब-गजब॥ इन्फर्टिलिटी से जूझ रही करीबन तीस वर्षीय एक महिला का इलाज चल रहा था। उपचार की ही प्रक्रिया में उन्हें कुछ इन्जेक्शन्स लगने थे लेकिन तभी देशभर में लॉकडाउन हो गया। उपचार पूरा नहीं हो सका। लेकिन अप्रैल के अंत में चिकित्सकों ने नोटिस किया कि महिला का प्राकृतिक तौर पर गर्भधारण हो गया है। बिना किसी उपचार के।
इसी तरह लो स्पर्म काउंट की परेशानी से जूझ रहे 30 वर्षीय एक युवक के मामले ने भी चिकित्सक को चकित कर दिया। लॉकडाउन के कुछ सप्ताहों के बाद ही उसकी पत्नी ने प्राकृतिक तौर पर गर्भधारण कर लिया। IVF एक्सपर्ट और स्त्री रोग विशेषज्ञ अमित पटानकर ने बताया कि हमारे 9 मरीजों ने लॉकडाउन के दौरान गर्भधारण कर लिया, जिनका आईवीएफ उपचार पूरा नहीं हो सका था।’
वारजे क्षेत्र के निवासी एक दंपती की शादी को 7 बरस गुजर गए लेकिन बच्चा नहीं हो रहा था। वे इंट्रासाइटोप्लाज्मिक स्पर्म इंजेक्शन (ICSI) की अडवांस रिप्रोडक्टिव टेक्निक की सहायता से प्लानिंग कर रहे थे। लॉकडाउन की वजह से ये उपचार सम्भव नहीं हो सका। लेकिन कुछ वक्त के बाद ही प्राकृतिक तरीके से ही गर्भधारण हो गया।