उत्तर प्रदेश ॥ रामपुर जिले से अखिलेश यादव के करीबी नेता आजम खान को इलाहाबाद हाईकोर्ट से झटका लगा है। हाईकोर्ट ने फर्जी जन्म प्रमाण पत्र मामले में दर्ज मुकदमा रद्द करने से मना कर दिया है। फर्जी प्रमाणपत्र मामले में रामपुर की जिला कोर्ट में केस चल रहा है। दायर याचिका में केस और चार्जशीट दोनों रद्द करने की मांग की गई थी। मामले में हाईकोर्ट ने कहा है कि किसी भी शख्स को अपराध की प्राथमिकी दर्ज कराने का हक है।
अदालत के इस आदेश से आजम खान, उनकी वाइफ तंजीन फातिमा और बेटे मो। अब्दुल्ला आजम खान को तगड़ा झटका लगा है। अदालत ने कहा, चार्जशीट में प्रथम दृष्टया आपराधिक केस बनता है तो आरोप के साक्ष्य पर मुकदमे के वक्त विचार किया जाएगा। अदालत ने कहा कि प्रथम दृष्टया अपराध कार्य हो रहा हो तो कोर्ट हस्तक्षेप नहीं कर सकता।
अदालत के इस फैसले से आजम खान के परिवार की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। धोखाधड़ी के आरोप में भाजपा नेता आकाश सक्सेना ने गंज थाने में केस दर्ज कराई है। आजम खान के मामले में जस्टिस मंजू रानी चौहान की एकल पीठ ने आदेश जारी किया।
भू-माफिया घोषित किए जा चुके सांसद आजम खान पर जमीन हड़पने, ‘आलिया मदरसा’ से पुस्तकें चुराने और रामपुर क्लब से शेर की मूर्तियां चुराने के भी आरोप हैं। अगस्त 2019 में उनकी वाइफ की रिसॉर्ट की दीवार पर बुलडोजर चला दिया गया था।
रिसॉर्ट की जिस दीवार को तोड़ा गया, उसे लेकर सिन्चाई विभाग ने पहले ही सांसद आजम खान को नोटिस जारी कर दिया था। यह रिसॉर्ट उनके बेटे अब्दुल्ला के नाम पर है। सपा सांसद आजम खान और अन्य पर यूपी में उनके विरूद्ध दर्ज किए गए कई कथित जमीन हड़पने के मामलों से संबंधित धन-शोधन (मनी लॉन्ड्रिंग) का केस दर्ज है।