पहली जुलाई से कलस्टर एप्रोच के माध्यम से होगा कोविड टीकाकरण

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महराजगंज ॥ आगामी पहली जुलाई से जिले में कलस्टर एप्रोच के माध्यम से कोरोना का टीका लगेगा। इसके प्रत्येक ब्लॉक में 12-12 अर्थात सभी 12 ब्लाकों में कुल 144 कलस्टर एप्रोच बनेंगे। प्रत्येक कलस्टर में आठ से दस गांव शामिल होंगे। इसके लिए जिलाधिकारी डॉ.उज्जवल कुमार की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में रणनीति बनायी गयी है।

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बैठक में डीएम के अलावा सीडीओ गौरव सिंह सोगरवाल, सीएमओ डॉ.अशोक कुमार श्रीवास्तव, एडीएम कुंज बिहारी अग्रवाल, डीआईओएस अशोक कुमार सिंह,अपर एसडीएम अविनाश कुमार, डीपीओ शैलेन्द्र कुमार राय, डीपीएम नीरज सिंह, डब्ल्यूएचओ के एसएमओ डॉ. विकास यादव सहित अन्य प्रशासनिक और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की मौजूदगी में रणनीति तैयार की गयी।

इस संबंध में जिला प्रतिरक्षण अधिकारी व उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ.आईए अंसारी ने बताया कि बैठक में जिलाधिकारी ने सभी प्रभारी चिकित्सा अधिकारी, बीपीएम व बीसीपीएम से माइक्रोप्लान तैयार करने की निर्देश दिया है। कलस्टर व्यवस्था के मुताबिक एक कलस्टर के एक गांव में दो से तीन टीम दो दिन टीका लगाएगी। फिर तीसरे व चौथे दिन दूसरे कलस्टर में तथा पांचवे व छठें दिन तीसरे कलस्टर में टीकाकरण का कार्य करेगी। इसी तरह टीम सभी कलस्टर में तब तक टीकाकरण करेगी, जब तक संबंधित उक्त कलस्टर टीकाकरण से संतृप्त नहीं हो जाएगा।

टीकाकरण शुरू होने के पहले होगा डुग्गी मुनादी व प्रचार-प्रसार

जिला प्रतिरक्षण अधिकारी ने बताया कि जिन कलस्टर में टीकाकरण शुरू होगा, उसके तीन दिन पहले से उस गांव में डुग्गी मुनादी व अन्य साधनों के जरिये खूब प्रचार-प्रसार होगा, ताकि लोगों को जानकारी हो सके कि कब और कहाँ कोविड का टीका लगेगा। प्रचार-प्रसार ग्राम प्रधानों, लेखपालों, रोजगार सेवकों, आशा कार्यकर्ताओं, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, कोटेदारों, शिक्षकों के माध्यम से कराया जाएगा।

वोटर लिस्ट से बनेगी ड्यूलिस्ट

जिला प्रतिरक्षण अधिकारी ने बताया कि कलस्टर के माध्यम से होने वाले टीकाकरण के लिए संबंधित गांव की मतदाता सूची से टीकाकरण कराने वाले लाभार्थियों की ड्यूलिस्ट तैयार की जाएगी। ड्यूलिस्ट के आधार पर लोगों को टीकाकरण के लिए बुलाया जाएगा।

एक कलस्टर के लिए लगेंगे दो वाहन

जिला प्रतिरक्षण अधिकारी ने बताया कि टीकाकरण के दौरान एक कलस्टर के लिए दो मेडिकल वाहन लगाए जाएंगे। प्रत्येक मेडिकल वाहन पर एक चिकित्सक तथा एक पैरामेडिकल स्टाफ तैनात किए जाएंगे ताकि टीकाकरण के पश्चात होने वाले प्रतिकूल प्रभाव का निदान हो सके।

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