इस क्रिकेटर ने लिया दो बार संन्यास, पहली बार अंतरराष्ट्रीय मैच में की बैटिंग और ठोक दिया वनडे का सबसे तेज शतक

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पाकिस्तान के क्रिकेटर शाहिद अफरीदी को आज सभी लोग जानते हैं। आज उनका जन्मदिन है। बात सबसे बड़े ऑलराउंडर की हो, मैच विनर की हो, तो शाहिद अफरीदी का नाम पहले पायदान पर नजर आएगा। हाथ में बैट पकड़कर तो गेंदबाजों की खैर नहीं और गेंद दे दो बल्लेबाजों को परेशान करके रख देते हैं।

Afridi and Yuvraj Singh

सभी जानते हैं कि अफरीदी ने पाकिस्तान क्रिकेट से संन्यास ले लिया है। परन्तु विश्व भर में खेली जाने वाली T10 और T20 लीग में उनका जोर अब भी देखने को मिल जाता है। 1 मार्च 1975 को जन्में शाहिद अफरीदी ने अब अपने जीवन के 45वें पड़ाव को छू लिया है। यानी वो 45 बरस के हो गए हैं।

बूम बूम की चर्चा रंगीन लिबास में खेले जाने वाले क्रिकेट को लेकर अधिक होती है। दरअसल, रंगीन लिबास वाले क्रिकेट में अंतराष्ट्रीय डेब्यू करते ही उन्होंने कहर ढा दिया था। यहां क्रिकेट के रंगीन लिबास से हमारा मतलब लिमिटेड ओवर क्रिकेट यानी वनडे और T20 से है। शाहिद अफरीदी ने ही सबसे पहले सबसे तेज वडने शतक लगाया था। जो सिर्फ 37 गेंदों ही लगाया।

संन्यास का किस्सा है मजेदार

शाहिद के संन्यास की कहानी भी बड़ी मजेदार है। दरअसल, उन्होंने एक नहीं दो इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास लिया है। अफरीदी ने आखिरी अंतराष्ट्रीय मुकाबला मई 2018 में वेस्टइंडीज के विरूद्ध खेला। मगर इससे पहले साल 1998 में टेस्ट डेब्यू करने वाले अफरीदी ने 2006 में संन्यास ले लिया। मगर 2010 में दोबारा वो टेस्ट टीम में लौट आए और वो भी बतौर कप्तान। 2011 विश्कप के बाद भी उन्होंने संन्यास की घोषणा की, परन्तु कुछ ही महीनों के अंदर वो टीम में लौट आए। इसके बाद उन्होंने 2015 का विश्वकप और 2016 का टी20 विश्वकप खेला।

 

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