पुदुचेरी। गठबंधन की राजनीति में स्वहित के प्रभाव से राज्य में एआईएनआर कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी के बीच मंत्रियों की संख्या को लेकर खींचतान चल रही है।मुख्यमंत्री के रूप में रंगासामी के शपथ लेने के 21 दिन बाद अभी तक राज्य में मंत्रिमंडल का गठन नहीं हो पाया है। माना जा रहा है कि उपमुख्यमंत्री को लेकर भी पेच फंसा है। बुधवार को राज्यपाल ने राजभवन में अब प्रोटेम स्पीकर के रूप में के. लक्ष्मीनारायणन को शपथ दिलाई। इसके बाद मुख्यमंत्री रंगासामी ने विधायक के रूप में शपथ ली लेकिन मंत्रिमंडल के गठन पर अब सभी की निगाहें लगी हैं।
दरअसल, पुडुचेरी में विधानसभा का चुनाव एनडीए घटक दल के रूप में भाजपा और एआईएनआर ने मिल कर लड़ा था। राज्य की 30 सदस्यीय विधानसभा चुनाव में एआईएनआर कांग्रेस ने 10 सीट और भाजपा ने छह सीटों पर जीत दर्ज की थी। 02 मई को मतगणना के बाद एआईएनआर कांग्रेस व भाजपा के विधायकों ने रंगासामी को अपना नेता चुना था। उसके बाद 07 मई को राज्यपाल डॉ. तमिलिसाई सुंदरराजन ने रंगासामी को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई थी।
मुख्यमंत्री के रूप में एन. रंगासामी को शपथ लिए अब तक तीन सप्ताह हो चुके हैं लेकिन भाजपा और एआईएनआर कांग्रेस में मंत्रिमंडल के गठन पर अभी तक सहमति नहीं बन पाई है। दोनों दल अब तक मंत्रियों के नाम और संख्या तय नहीं कर सके हैं। कहा जा रहा है कि भाजपा उपमुख्यमंत्री के पद पर अड़ी है और छह में से दो से तीन विधायकों को मंत्री बनाना चाहती है। इसी बीच केन्द्र ने राज्य विधानसभा में तीन भाजपा नेताओं को विधायक मनोनीत किया है जिसको लेकर भी दोनों दलों के बीच दूरियां और बढ़ गई। इस संबंध में एआईएनआरसी का कहना है कि तीन भाजपा के स्थानीय नेताओं को विधायक मनोनीत करने को लेकर उनसे कोई सलाह मशविरा तक नहीं किया। इस संबंध में भाजपा नेताओं का कहना है कि तीन विधायकों के मनोनयन के बारे में कोई समझौता ही नहीं हुआ था।
भाजपा और एआईएनआर दलों के बीच अविश्वास की खाई बढ़ती ही जा रही है। दोनों दलों की खींचतान के चलते अभी तक विधानसभा के लिए प्रोटेम स्पीकर नियुक्त करने में देरी हुई। बुधवार को राज्यपाल सौंदर्यराजन ने एआईएनआरसी के वरिष्ठ विधायक विधायक के. लक्ष्मीनारायणन को प्रोटेम स्पीकर की शपथ दिलाई। बाद विधानसभा में रंगासामी को विधायक के रूप में शपथ दिलाई गई। इसके बाद अन्य नवनिर्वाचित विधायकों को कक्ष में शपथ दिलाई जाएगी।
राज्य में मंत्रिमंडल के गठन में देरी के पीछे मुख्यमंत्री रंगासामी का कोरोना पॉजिटिव हो जाना भी एक प्रमुख कारण रहा है। कोरोना की रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद रंगासामी नौ दिन तक अस्पताल में भर्ती रहे। कोरोना संकट को लेकर बैठकें भी नहीं हो पा रही है। इसी बीच प्रमुख विपक्षी दल द्रविड़ मुनेत्र कषगम (डीएमके) ने उपराज्यपाल को कैबिनेट गठन में हो रही देरी को लेकर एक ज्ञापन सौंप कर चिंता जताई है।