श्रीलंका। भारत का पड़ोसी देश श्रीलंका इन दिनों अपने सबसे खराब दौर से गुजर रहा है। दरअसल श्री लंका में गंभीर आर्थिक संकट छाया हुआ है। वहां इन दिनों महंगाई अपने चरम पर है लेकिन क्या आपको पता है श्रीलंका की अर्थव्यवस्था को ‘नेस्तनाबूद’ करने में रूस और यूक्रेन युद्ध की अहम भूमिका है।
ब्लूमबर्ग ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की एक रिपोर्ट के हवाले से खबर दी है कि रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से बढ़ी कच्चे तेल की कीमतों ने श्रीलंका को भीषण आर्थिक संकट में डाल दिया है। यही वजह है कि राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे की सरकार IMF से सहायता मांगने को विवश हो गई है।
इतना ही नहीं श्रीलंका की कमाई का बड़ा हिस्सा पर्यटन क्षेत्र से आता है। रूस-यूक्रेन युद्ध ने श्रीलंका में पर्यटन पर भी लगाम लगा दी है। बता दें कि श्रीलंका में सबसे अधिक पर्यटक यूरोप, रूस और भारत से ही आते हैं। सरकारी आंकड़ों पर गौर करें तो श्रीलंका की जीडीपी में इस सेक्टर का 10% से अधिक योगदान रहता है।
श्रीलंका को इस आर्थिक संकट से उबारने के लिए आईएमएफ अब कई पहलुओं पर विचार-विमर्श कर रहा है। रिपोर्ट में बताया गया है कि श्रीलंका को एक उपयुक्त सहायता पैकेज देने के लिए अप्रैल महीने में बातचीत शुरू हो सकती हैं। उस दौरान देश के वित्त मंत्री बासिल राजपक्षे वाशिंगटन की यात्रा पर होंगे।
रूस यूक्रेन युद्ध की वजह से श्रीलंका की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से जर्जर हो चुकी है और वह ‘दिवालिया’ होने की कगार पर पहुंच गया है। यहां महंगाई का आलम ये है कि सरकार के सामने आर्थिक आपातकाल लगाने के साथ ही पेट्रोल-डीजल, मिट्टी का तेल, राशन और खाने-पीने की अन्य चीजें बांटने के लिए आर्मी लगाना पड़ गया है।