इंफ्लेमेटरी बाउल डिजीज (IBD)यह पेट की एक बीमारी हैं, इस रोग में बड़ी आंत में सूजन आ जाती है। लंबे समय तक रहने पर बड़ी आंत में घाव यानी जख्म भी हो जाता है। यह दीर्घकालीन रोग है। इस स्थिति में पेट में दर्द या मरोड़, दस्त, मल से रक्त आना, वजन कम होना समेत पाचन संबंधी समस्याएं होती हैं।
इंफ्लेमेटरी बाउल डिजीज के दो प्रकार हैं-अल्सरेटिव कोलाइटिस (ulcerative colitis) और क्रोहन रोग। विशेषज्ञों की मानें को इम्यून सिस्टम कमजोर होने पर इंफ्लेमेटरी बाउल डिजीज की समस्या होती है।
साथ ही तनाव भी IBD होने के प्रमुख कारणों में एक है। इसके लिए तनाव कम लें और इम्यून सिस्टम को मजबूत रखें। तो आइए जानते हैं कि Inflammatory Bowel Disease में क्या खाएं और किन चीजों से करें
डॉक्टर्स हमेशा प्रोटीन की पूर्ति के लिए अंडे खाने की सलाह देते हैं। इससे शरीर को प्रोटीन की प्राप्ति होती है। हालांकि, सीमित मात्रा में ही अंडे खाएं। इसके लिए आप डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
अपनी डाइट में लो फैट डेयरी उत्पादों को जरूर शामिल करें। दूध में कैल्शियम पाया जाता है। डाइट चार्ट की मानें तो एक गिलास दूध में 250-300 ग्राम कैल्शियम होता है। इससे हड्डियां मजबूत होती हैं। साथ ही पाचन तंत्र मजबूत होता है। इसके लिए रोजाना दही जरूर खाएं।
चिकन खाएं
चिकन में प्रोटीन की अधिकता होती है। डॉक्टर्स तत्काल ऊर्जा प्राप्ति के लिए चिकन खाने की सलाह देते हैं। इससे न केवल प्रोटीन प्राप्त होता है, बल्कि कैलोरी और फैट भी प्राप्त होता है। इससे आईबीडी में आराम मिलता हैं।
विशेषज्ञों की मानें तो इंफ्लेमेटरी बाउल डिजीज में हाई फैट वाली चीजों से परहेज करना चाहिए। लाल मांस में वसा उच्च मात्रा में होता है। इसके लिए रेड मीट से परहेज करें।
फाइबर शरीर के लिए आवश्यक पोषक तत्व है। हालांकि, इंफ्लेमेटरी बाउल डिजीज की समस्या को दूर करने के लिए फाइबर युक्त चीजों का सेवन बिल्कुल न करें। फाइबर देर से पचता है। इसके लिए व्हीट ब्रेड न खाएं। साथ ही उच्च कैल्शियम वाले खाद्य पदार्थों के सेवन से परहेज करें।