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Up kiran,Digital Desk : नमस्ते दिल्ली वालों! अगर आज सुबह (मंगलवार, 25 नवंबर 2025) आपने खिड़की खोली होगी या घर से बाहर कदम रखा होगा, तो नजारा डराने वाला था। राजधानी दिल्ली एक बार फिर घने, जहरीले कोहरे (Smog) की चादर में लिपट गई है। इंडिया गेट हो या कर्तव्य पथ, सुबह की धुंध ऐसी थी कि कुछ मीटर दूर देखना भी मुश्किल हो रहा था। आंखों में जलन और गले में खराश ने फिर दस्तक दे दी है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़े डराने वाले हैं। दिल्ली के कई इलाकों में वायु गुणवत्ता यानी AQI 'गंभीर' (Severe) श्रेणी में पहुंच गया है। सबसे बुरा हाल आनंद विहार का है, जहां का मीटर 400 के पार जा चुका है।

दिल्ली-NCR के ताजा हालात (Current AQI Status)

मंगलवार सुबह के आंकड़े बताते हैं कि स्थिति कितनी खतरनाक है:

  1. आनंद विहार: 402 (बेहद खतरनाक)
  2. ITO: 380
  3. इंडिया गेट: 328
  4. एम्स-सफदरजंग: 323

सिर्फ दिल्ली ही नहीं, पड़ोसी शहरों का भी बुरा हाल है। नोएडा इस समय सबसे ज्यादा प्रदूषित शहरों में गिना जा रहा है, जहां AQI 397 दर्ज किया गया। गाजियाबाद में 396 और ग्रेटर नोएडा में 382 का स्तर है। थोड़ी राहत सिर्फ गुरुग्राम (286) में दिख रही है, लेकिन फरीदाबाद (396) की हवा भी 'जहरीली' बनी हुई है।

बुधवार तक राहत की उम्मीद नहीं

मौसम विभाग और CPCB का अनुमान है कि अभी एक-दो दिन आपको ऐसे ही माहौल में रहना पड़ सकता है। बुधवार तक हवा की गुणवत्ता 'बेहद खराब' श्रेणी में ही रहने की आशंका है। इसका सीधा मतलब है कि अगर आप सांस के मरीज हैं, बुजुर्ग हैं या छोटे बच्चे घर में हैं, तो आपको खास सावधानी बरतने की जरूरत है।

दिल्ली में प्रदूषण पर सियासी 'महायुद्ध'

हवा जहरीली हुई तो राजनीति भी गरमा गई है। इस बार मुकाबला दिलचस्प है क्योंकि आम आदमी पार्टी (AAP) विपक्ष में होकर भाजपा सरकार पर हमलावर है।

AAP का हमला: "चार इंजन की सरकार फेल"

आम आदमी पार्टी ने सीधे तौर पर भाजपा की 'रेखा गुप्ता सरकार' पर निशाना साधा है। AAP नेता सौरभ भारद्वाज का कहना है कि दिल्ली वाले घुट-घुट कर जी रहे हैं, लेकिन सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी है। उनका आरोप है कि अस्पतालों में मरीज बढ़ रहे हैं, इंडिया गेट धुंध में खो गया है, लेकिन "चार इंजन की सरकार" होने के बावजूद हालात साल-दर-साल बदतर होते जा रहे हैं। AAP प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने भी इसे डरावनी स्थिति बताया है।

BJP का पलटवार: "हालात पहले से बेहतर"

आरोपों पर पलटवार करते हुए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा ने मोर्चा संभाला। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि जो लोग पिछले 10 साल सत्ता में रहकर प्रदूषण ठीक नहीं कर पाए, वो आज हम पर सवाल उठा रहे हैं। सचदेवा ने दावा किया कि मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के नेतृत्व में प्रदूषण रोकने के लिए लगातार काम हो रहा है। उन्होंने आंकड़े रखते हुए कहा कि पिछले साल (24 नवंबर 2024) प्रदूषण का स्तर 450 के पार था, जबकि हमारी सक्रियता की वजह से इस बार यह 400 से नीचे (औसतन) है। इसे उन्होंने बेहतर प्रबंधन का नतीजा बताया।

क्या कदम उठाए जा रहे हैं?

हालात को देखते हुए ग्रेप-3 (GRAP-3) की पाबंदियां लागू की जा सकती हैं। इसके तहत खबर है कि सरकार 50 फीसदी कर्मचारियों को 'वर्क फ्रॉम होम' (घर से काम) करने का निर्देश दे चुकी है ताकि सड़कों पर गाड़ियों का धुआं कम हो सके।

दिल्ली वालों, यह वक्त संभल कर रहने का है। मास्क का इस्तेमाल करें और बहुत जरूरी होने पर ही बाहर निकलें, क्योंकि यह लड़ाई लंबी दिख रही है।