Up Kiran, Digital Desk:दिल्ली के लाल किला के पास हुए कार बम धमाके की जांच में एक बहुत बड़ी और निर्णायक कामयाबी मिली है. फॉरेंसिक जांच की सबसे अहम रिपोर्ट, यानी DNA रिपोर्ट, ने इस बात की पुष्टि कर दी है कि धमाके के वक्त विस्फोटक से भरी हुंडई i20 कार को कश्मीर का रहने वाला डॉक्टर उमर उन नबी ही चला रहा था. पुलिस सूत्रों के मुताबिक, यह खुलासा इस केस की गुत्थी सुलझाने में सबसे बड़ा कदम साबित होगा.
कैसे हुई पुष्टि? मां के DNA से हुआ मिलान
धमाका इतना शक्तिशाली था कि कार चलाने वाले के शरीर के परखच्चे उड़ गए थे, जिससे उसकी पहचान करना लगभग नामुमकिन था. इसके बाद जांच एजेंसियों ने वैज्ञानिक तरीका अपनाया.
ब्लास्ट साइट से मिले सैंपल: जांच टीम को कार के मलबे से शरीर के कुछ हिस्से, हड्डियां और दांत मिले थे, जिन्हें DNA जांच के लिए भेजा गया.परिवार से लिए गए सैंपल: इसके बाद पुलिस की एक टीम जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में डॉक्टर उमर के गांव पहुंची और जांच के लिए उसकी मां के DNA सैंपल लिए. 100% मैच: सूत्रों के अनुसार, दिल्ली के फॉरेंसिक लैब में जब ब्लास्ट साइट से मिले DNA का उमर की मां के DNA से मिलान किया गया, तो वह 100 प्रतिशत मैच हो गया. इससे यह वैज्ञानिक तौर पर साबित हो गया कि धमाके के वक्त कार में मौजूद व्यक्ति डॉक्टर उमर ही था. पुलिस सूत्रों ने यह भी बताया कि धमाके के बाद डॉक्टर उमर का एक पैर कार के एक्सीलरेटर के पास फंसा मिला था, जिससे पहले से ही यह शक था कि वही गाड़ी चला रहा था.
कौन था डॉक्टर उमर नबी?
डॉक्टर उमर नबी जम्मू-कश्मीर के पुलवामा का रहने वाला था और फरीदाबाद के अल-फलाह अस्पताल में काम करता था. जांच एजेंसियों का मानना है कि वह एक "पढ़े-लिखे" यानी "व्हाइट कॉलर" आतंकी मॉड्यूल का हिस्सा था, जिसके तार आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े हैं. माना जा रहा है कि सुरक्षा एजेंसियों द्वारा जब इस मॉड्यूल पर छापेमारी शुरू हुई और उसके कुछ साथी पकड़े गए, तो घबराहट में डॉक्टर उमर ने इस धमाके को अंजाम दिया.
इस DNA पुष्टि को जांच में एक बड़ी सफलता माना जा रहा है. अब एजेंसियां इस मॉड्यूल के बाकी बचे लोगों और इनके हैंडलर्स तक पहुंचने की कोशिश में जुट गई हैं.



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