कोविड-19 से बेहाल राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में मोदी सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) अधिनियम 2021 (GNCT) नोटिफाई कर दिया है। ये 27 अप्रैल 2021 की आधी रात से लागू हो गया है।
इस नियम/कानून में दिल्ली के उप राज्यपाल के अधिकारों को परिभाषित किया गया है। इस कानून के लागू होने के बाद केंद्र शासित राज्य में सरकार का मतलब ‘उप राज्यपाल’ होगा। इस कानून के लागू होने के बाद हर एक फैसले पर उप राज्यपाल का विचार लेना होगा।
केजरीवाल सरकार या मंत्रिमंडल द्वारा कोई भी निर्णय लिया जाता है तो उससे पहले उसे उप राज्यपाल के साथ विचार करना होगा। ये नोटिफिकेशन ऐसे समय में आया है, जब दिल्ली में राज्य तथा केंद्र की सरकार अदालत से लेकर ग्राउंड जीरो तक आमने-सामने है। दिल्ली सरकार पर राजधानी में ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए लापरवाही बरतने का आरोप है, जिसकी वजह से कई रोगियों की जान गई है।
इस कानून में ‘GNCT ऑफ दिल्ली एक्ट, 1991’ को पुनः परिभाषित किया गया है, जिसके हिसाब से चुनी हुई सरकार और उपराज्यपाल की ताकतों को फिर से परिभाषित किया गया है। अब दिल्ली की विधानसभा या इसकी समितियां राजधानी की NCT की दैनिक कार्यों के मुद्दों पर फैसला नहीं ले पाएगी और साथ ही प्रशासनिक मामलों में जांच का आदेश नहीं दे पाएगी। विपक्षी पार्टियों ने इस एक्ट का जम कर विरोध किया था।