दिल्ली में हुई हिंसा के बाद माहौल धीरे धीरे ही सही पटरी पर वापस आने लगा है, लेकिन इस बीच हिंसा पर चल रही कार्यवाई को लेकर ही सवाल खड़े होने लगे है. आपको बता दें कि दिल्ली दंगों के एक अभियुक्त ताहिर हुसैन के मामले में दिल्ली पुलिस अपने बयान से पलट गई है. जहां दिल्ली पुलिस ने पहले कहा था कि ताहिर हुसैन को पुलिस ने रेस्क्यू किया था. लेकिन अब पुलिस का कहना है कि ये ख़बर ग़लत है.
A section of Media has reported that Tahir Hussain (councillor) was rescued by Delhi Police. The facts are that on night intervening 24/25 Feb 2020 when some public men informed police deployed at Chand bagh that Tahir Hussain was trapped as crowd had surrounded his house.
— DCP North East Delhi (@DCPNEastDelhi) March 3, 2020
The police verified the same to be incorrect and Tahir Hussain was found available in his house . It is further added that he was named as accused on 26/2/2010 upon recovery of the body of Shri Ankit Sharma . His house was searched and he was found absconding.
— DCP North East Delhi (@DCPNEastDelhi) March 3, 2020
Efforts are being made to arrest him .
— DCP North East Delhi (@DCPNEastDelhi) March 3, 2020
वहीं एक ट्वीट में लिखा गया है, ”मीडिया के एक हिस्से में ये रिपोर्ट किया गया है कि ताहिर हुसैन (पार्षद) को दिल्ली पुलिस ने रेस्क्यू किया था. सच्चाई ये है कि 24-25 फ़रवरी की दरम्यानी रात को कुछ लोगों ने चांदबाग़ में तैनात पुलिस को ये ख़बर दी कि भीड़ ने ताहिर हुसैन के घर को घेर लिया है और ताहिर हुसैन फंसे हुए हैं. पुलिस ने अपनी छानबीन में इसे ग़लत पाया और ताहिर हुसैन अपने घर में मौजूद थे. ये भी बताया जाता है कि 26 फ़रवरी को अंकित शर्मा की लाश मिलने के बाद उन्हें हत्या के मामले में अभियुक्त बनाया गया था. उनके घर की तलाशी ली गई थी लेकिन वो वहां से फ़रार थे. उनको गिरफ़्तार करने के प्रयास किए जा रहे हैं.”
हालांकि दिल्ली पुलिस जिसे मीडिया की ग़लती बता रही है वो ख़बर दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी के आधिकारिक बयान के आधार पर चल रही है. इससे कुछ ही घंटे पहले दिल्ली पुलिस ने कहा था कि उन्होंने ताहिर हुसैन को 24-25 फ़रवरी की रात में रेस्क्यू किया था.समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार मंगलवार को पत्रकारों से बात करते हुए दिल्ली पुलिस के एडिशनल कमिश्नर एक सिंगला ने कहा था, “24-25 फ़रवरी की रात कुछ लोगों ने हमें बताया था कि कोई पार्षद हैं जो फंसे हुए हैं और असुरक्षित महसूस कर रहे हैं. उसके बाद पुलिस ने जाकर उनको रेस्क्यू किया था.”