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मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले ही बीजेपी को झटके पर झटका मिल रहा है। बीजेपी का कोई दांव सही नहीं पड़ रहा है। बीजेपी ने कांग्रेस की सरकार को अपदस्थ करके विधायकों को इधर से उधर री शेटेल करवाकर, ज्योतिरादित्य सिंधिया के कंधे पर बंदूक रखकर कांग्रेस की सरकार गिराकर अपनी सरकार तो बना ली, लेकिन सरकार को चलाना कैसे है ये शायद बीजेपी समझ नहीं पा रही है।

बीजेपी के भीतर असंतोष है और शायद ज्योतिरादित्य सिंधिया जिनको बीजेपी बड़े अरमान के साथ पार्टी में लेकर आई थी, उनकी वजह से कई और विधायक और मंत्री पार्टी से इस्तीफा देकर अब कांग्रेस की तरफ बढ़ चले हैं।

कांग्रेस की तरफ जाने वाले बीजेपी के विधायकों की संख्या लगातार बढ़ रही है। तो क्या मध्यप्रदेश में अब कर्नाटक का इतिहास दोहराया जाएगा? कर्नाटक विधानसभा चुनाव से पहले जो बीजेपी की भगदड़ थी वही अब मध्यप्रदेश में देखने को मिलेगी और नतीजे क्या उसी तरह से होंगे कि बीजेपी सत्ता से बाहर होगी और मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार होगी। क्योंकि जिस नेता को लेकर बीजेपी इतनी आश्वस्त थी कि कांग्रेस धराशायी हो जाएगी, कांग्रेस का नामोनिशान खत्म हो जाएगा, वो ज्योतिरादित्य सिंधिया वजह बन रहे हैं।

बीजेपी से विधायकों की बगावत का बोल तो हिंदुस्तान भर में हवा के साथ फिर साक्षा करेंगे। मध्यप्रदेश के शिवपुरी जिले के कोलारस विधानसभा से बीजेपी के विधायक वीरेंद्र अग्निवंशी ने पार्टी से इस्तीफा दिया। इस्तीफे में उन्होंने आरोप लगाया कि पार्टी में उन्हें नजरअंदाज किया जा रहा है। तो वहीं सिंधिया के करीबी भी बीजेपी धीरे धीरे छोड़ रहे हैं। 

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