डायबिटीज (Diabetes) एक सामान्य बीमारी हो चुकी है। बूढ़े हो या जवान सब उम्र के लोग डायबिटीज से परेशान हैं।
कभी कभी कुछ लोगों को डायबिटीज हो जाती हैं और उनको पता भी नही चलता। ऐसे लोग डायबिटीज के कारण जान ही नहीं पाते। आंकड़ों के अनुसार, यूएस में डायबिटीज से पीड़ित लगभग 7.3 मिलियन लोग ऐसे हैं जिनकी उम्र 18 साल या उससे ज्यादा हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार, यूएस में कुल मिलाके 34.2 मिलियन लोगों को डायबिटीज है। हर 10 में से 1 व्यक्ति को डायबिटीज है। हर 4 में से 1 व्यक्ति जो 65 वर्ष या उससे ज्यादा उम्र का है, डायबिटीज से पीड़ित है।अगर यही हाल रहा तो 2030 तक डायबिटीज एक महामारी होगा।
इस आर्टिकल में हम निम्न बातों के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे।
डायबिटीज या डायबिटीज मेलेटस (Diabetes Mellitus), जिसे आमतौर पर “मधुमेह” के रूप में जाना जाता है, एक चयापचय (Metabolic disease) रोग है जो उच्च रक्त शर्करा (High blood sugar level) का कारण बनता है।
सामान्य स्थिति में इंसुलिन हार्मोन रक्त से शर्करा को कोशिकाओं में एकत्रित करता है फिर यही शर्करा ऊर्जा के लिए प्रयोग होती है। मधुमेह में शरीर या तो पर्याप्त इंसुलिन (Insulin) नहीं बना पाता है या वह जो इंसुलिन बनाता है उसका प्रभावी ढंग से उपयोग नहीं कर पाता है।
यही मुख्य रूप से डायबिटीज के कारण है।
जब इंसुलिन पर्याप्त मात्रा में नही बन पाता तब यही शर्करा ऊर्जा के रूप में नही प्रयोग हो पाती और शरीर में शर्करा की मात्रा बढ़ती जाती है जो समय रहते इलाज नही पाने से मृत्यु का कारण भी बन सकती है।
डायबिटीज बहुत प्रकार की होती है, जिसमे से हम कुछ प्रमुख डायबिटीज के प्रकार और साथ में डायबिटीज के कारण के बारे में भी चर्चा करेंगे।
मुख्य रूप से डायबिटीज निम्न प्रकार की होती हैं।
प्रत्येक डायबिटीज के कारण भिन्न भिन्न होते है। चलिए देखते हैं कि आखिर डायबिटीज के कारण क्या क्या हो सकते हैं।
डॉक्टरों को भी अभी तक ठीक से पता नहीं है कि आखिर वे कौन कौन से कारक हैं जो टाइप 1 डायबिटीज के कारण बन सकते हैं।अभी तक की गई स्टडीज के रिजल्ट्स के अनुसार, किसी कारण से हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली अग्न्याशय में इंसुलिन-उत्पादक बीटा कोशिकाओं पर गलती से हमला कर देती है और उनको नष्ट कर देती है।
कुछ लोगों में विशिष्ट जीन की वजह से भी टाइप 1 डायबिटीज हो सकता है।
टाइप 2 डायबिटीज आनुवंशिकी (Genetic) और जीवन शैली (Lifestyle) कारकों के संयोजन के कारण होता है।
अधिक वजन या मोटा होना टाइप 2 डायबिटीज के जोखिम को बढ़ा देता है।अधिक वजन, विशेष रूप से पेट में एकत्रित चर्बी, ब्लड शुगर लेवल को इंसुलिन के प्रति रेजिस्टेंस बना देती हैं।यह आनुवांशिक बीमारी है।
जेस्टेशनल डायबिटीज़ गर्भावस्था के दौरान हार्मोनल परिवर्तन का परिणाम होता है।प्लेसेंटा एक ऐसा हार्मोन का स्राव करता है जो गर्भवती महिला की कोशिकाओं को इंसुलिन के प्रभाव के प्रति कम संवेदनशील बना देता है।
जो महिलाएं मोटापे (obesity) का शिकार होती हैं या जिनका गर्भावस्था के दौरान वजन बढ़ जाता है, उन्हें जेस्टेशनल डायबिटीज़ होने की संभावना अधिक होती है।
डायबिटीज के लक्षण डायबिटीज के अलग अलग प्रकार के अनुसार भिन्न भिन्न होते हैं, हालांकि डायबिटीज के कुछ सामान्य लक्षण भी होते हैं जो सब तरह के डायबिटीज में मिल सकते हैं।
टाइप 2 डायबिटीज के लक्षण भी टाइप 1 डायबिटीज के लक्षण के समान होते हैं।
बहुत सारी औरतो में जेस्टेशनल डायबिटीज़ के कोई लक्षण नहीं प्रकट होते हैं।कुछ रेयर मामलो (Rare cases) में जेस्टेशनल डायबिटीज़ से पीड़ित औरतो को खूब प्यास और बार बार पेशाब आने की दिक्कत होती है।