देश की सबसे पुरानी पार्टी आज अपनों से ही घिरी हुई है । पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव की तारीखों के एलान के एक दिन बाद ही कांग्रेस के असंतुष्ट नेताओं ने एक बार फिर पार्टी हाईकमान बेचैन कर रखा है ।जहां एक ओर पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर किसान आंदोलनों से लेकर तमाम मुद्दों पर सड़कों पर आकर अपनी पार्टी का जनाधार बढ़ाने में लगी हुई हैं ।
वहीं राहुल गांधी दक्षिण के राज्यों केरल, तमिलनाडु और पुडुचेरी की सियासत में पिछले कई दिनों से सक्रिय हैं । लेकिन अभी तक राहुल और प्रियंका गांधी पार्टी से नाराज चल रहे नेताओं को एकजुट करने में सफल नहीं हो पाए हैं । आज हम बात करेंगे कांग्रेस के उन असंतुष्ट नेताओं की, जिन्होंने पिछले वर्ष अगस्त महीने में कांग्रेस के संगठन में चुनाव को तत्काल कराने और नेतृत्व के सवाल पर कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखी थी ।
उसके बाद से ही यह नेता पार्टी हाईकमान की गाइडलाइन के खिलाफ जाकर बयानबाजी करते रहे हैं । हालांकि दिसंबर महीने में सोनिया गांधी ने इन नेताओं की नाराजगी दूर करने के लिए एक बैठक भी बुलाई थी, लेकिन बात नहीं बनी । अब एक बार फिर पार्टी में मची रार के बीच यह नाराज नेता एकजुट हो रहे हैं । जम्मू में आज गुलाम नबी आजाद के नेतृत्व में असंतुष्ट नेता एक ‘मंच’ पर दिखाई देंगे ।
इसमें मनीष तिवारी के भी शामिल होने की उम्मीद है। कुछ दिनों पहले पार्टी के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद राज्यसभा से रिटायरमेंट हुए हैं । आजाद की विदाई के दौरान भारतीय जनता पार्टी समेत कुछ और पार्टियों ने उन्हें दोबारा राज्यसभा भेजने की पेशकश की थी यही नहीं पीएम मोदी ने भी गुलाम नबी की संसद में खड़े होकर प्रशंसा की ।
दूसरी ओर आजाद के लिए कांग्रेस हाईकमान ने सम्मान नहीं दिखाया न उन्हें राज्यसभा में भेजने के लिए कोई आश्वासन दिया। इसके अलावा राज्यसभा में मलिकार्जुन खड़गे को नेता प्रतिपक्ष बनाए जाने पर भी पार्टी का एक धड़ा नाराज है।
पार्टी के असंतुष्ट नेताओं का एक मंच पर आने का मकसद है कि उन्हें सोनिया गांधी, राहुल और प्रियंका गांधी के कामकाज के तरीके पसंद नहीं हैं । यही नहीं राहुल गांधी की तरफ से केरल में हाल ही में दिया गया ‘उत्तर-दक्षिण’ बयान के बाद कांग्रेस खेमे में ही दो गुट बंट गए थे ।
राहुल के बयान पर कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने कहा है कि ‘मतदाता बुद्धिमान हैं, वे जानते हैं कि किसे वोट देना है, किस उम्मीदवार को वोट देना है, किस राजनीतिक दल को वोट देना है’, वे जानते हैं कि वे उन्हें क्यों वोट देते हैं, सिब्बल ने कहा कि मुझे नहीं लगता कि कांग्रेस किसी भी चुनाव में किसी भी तरह का अपमान करेगी’।
वहीं दूसरी ओर राहुल गांधी आज एक बार फिर तमिलनाडु के दौरे पर हैं । कयास लगाए जा रहे हैं कि ये ‘असंतुष्ट’ नेता पार्टी के कामकाज पर सवाल खड़े कर सकते हैं । बता दें कि राज्यसभा के सांसद का कार्यकाल समाप्त होने के बाद गुलाम नबी आजाद का यह पहला जम्मू दौरा है। हालांकि आजाद ने पिछलेेे दिनों कहा कि ‘वह कांग्रेस में है और कांग्रेसी ही रहेंगे’।
जम्मू कश्मीर में कांग्रेस की राजनीति में गुलाम नबी आजाद अहम स्थान रखते हैं और पार्टी के सबसे बड़े चेहरे माने जाते हैं। जम्मू में होने वाली इन असंतुष्ट नेताओं की एक मंच पर बैठक को लेकर कांग्रेस हाईकमान भी नजर लगाए हुए है । -शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार