आंखों की रोशनी कमजोर होने से घबराएं नहीं करें ये उपाय

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आंखों को लंबे समय तक सेहतमंद बनाए रखने के लिए उनकी देखभाल बहुत ज़रूरी है, क्योंकि अगर आंखों की रोशनी लाइफ कैसी हो जाएगी। आंखों का कनेक्शन नर्वस सिस्टम से जुड़ी होता है। इसलिए शरीर में होने वाली ज्यादातर प्रॉब्लम्स का असर इन पर भी पड़ता है। तो आज हम ऐसी ही कुछ प्रॉब्लम्स के बारे में जानेंगे जो हमारी आंखों के लिए हो सकते हैं बेहद घातक।

डायबिटीज़-

डायबिटीज़ की समस्या है तो शुगर लेवल के साथ ही अपने आंखों की भी जांच समय-समय पर करवाते रहें। क्योंकि शरीर के साथ-साथ आंखों पर भी इसका असर नजर आने लगता है। डायबिटीज़ के कारण रेटिनोपैथी, ग्लूकोमा और मोतियाबिंद जैसे कई रोगों के होने की संभावना बढ़ जाती है। ब्लड शुगर में कम या ज्यादा होने से आंखों को ब्लड सप्लाई करने वाली कोशिकाएं डैमेज हो जाती हैं, जिससे कई सारी चीज़ें धुंधली नजर आने लगती हैं। रेटिना सूज जाता है।

रेटिनल माइग्रेन-

रेटिनल माइग्रेन, आंखों में दर्द की भी वजह बन सकता है। ऐसे कई लोग हैं जिनके आंखों की रोशनी रेटिनल माइग्रेन की वजह से चली गई। हालांकि रेटिनल माइग्रेन में आंखों की रोशनी जाने के कई सारे लक्षण होते हैं जिन पर अगर समय रहते ध्यान दे दें तो इस समस्या से बचा जा सकता है। जैसे सबसे पहला लक्षण है सिरदर्द। इसके साथ ही बहुत ज्यादा एक्सरसाइज़, स्मोकिंग, डिहाइड्रेशन, हाइपरटेंशन और कैफीन ड्रिंक्स भी रेटिनल माइग्रेन की वजह बन सकते हैं।

हाई कोलेस्ट्रॉल-

बॉडी में बढ़े हुए कोलेस्ट्रॉल का असर भी चेहरे और आंखों के आसपास साफ-साफ नजर आने लगता है। आंखों के ऊपर और नीचे निशान पड़ने लगते हैं। इसके अलावा ज्यादा कोलेस्ट्रॉल जमा होने से आंखों की तरफ होने वाले ब्लड सर्कुलेशन भी बाधित होता है जिस वजह से आंखों की रोशनी धीरे-धीरे कमजोर होने लगती है। हाई कोलेस्ट्रॉल की वजह से होने वाली इस समस्या को डायस्लिपिडेमिया भी कहा जाता है।

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