चांद दिखने के साथ ही बुधवार से रमजान मुबारक 2021 का आगाज हो गया। इस्लाम में रमजान का बड़ा महत्व है और ये इस्लाम के 5 स्तंभों में से एक है। मुस्लिम कौम में पहले रोजे की खुशी देखी गई। इस बार माहे रमजान में चार जुम्मे की नमाज पढी जावेगी। चांद दिखने पर 13 मई को ईद मनाई जाएगी। पहला जुमा 16 अप्रेल को होगा।
उलेमा बताते हैं कि पैगंबर ए इस्लाम ने भी फरमाया है कि जहां बीमारी या वबा (महामारी) फैली हो वहां दूसरे लोग न जाएं और वहां के लोग भी दूसरी जगह न जाएं। वर्तमान समय में कोरोना के दौरान भी हालात बिल्कुल वैसे ही हैं। ऐसे में जरूरी है कि रमजान के दौरान मस्जिदों में भीड़ इकट्ठा करने से बचें। घरों में इबादत करें। बिना आवश्यकता के घर से न निकलें और बाजारों में न भीड़ लगाएं और न ही भीड़ का हिस्सा बनें। कोरोना से बचने के लिये ये बहुत महत्वपूर्ण है।
रमजान में सामूहिक इफ्तार बड़े पैमाने पर होता है। पर कोरोना काल में इससे संक्रमण फैलने का खतरा बेहद बढ़ जाता है। ऐसे में इस तरह के आयोजनों से परहेज करना ही सही है। परिवार के सदस्यों के साथ रोजा इफ्तार करें और कहीं जाने से बचें। इबादतों के साथ लोगों की जान बचाना भी जरूरी है।
पिछले साल भी रमजान में इबादतें घरों पर ही हुई थीं। इस साल भी सूरत वैसी ही है, इसलिये सरकार की ओर से भी बचाव के लिये कुछ गाइडलाइन जारी की गई है। किसी भी धर्मस्थल में एक साथ पांच से ज्यादा लोगों के इकट्ठा होने पर रोक लगाई गई है। तरावीह की नमाज भी घरों पर ही अदा की जा रही है। जरूरी है कि गाइडलाइन का पालन करते हुए सुरक्षित तरीके से रमजान बिताएं।