कोरोना काल में कालाजार के लक्षण को न करें नजरअंदाज

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कुशीनगर ॥ कोरोना काल में यदि किसी व्यक्ति को कालाजार के लक्षण दिखे तो कतई नजरंदाज न करें। तत्काल जांच कराकर समुचित इलाज कराएं। जिला अस्पताल में कालाजार निःशुल्क इलाज की व्यवस्था है।

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यह अपील करते हुए जिला मलेरिया अधिकारी आलोक कुमार ने कहा है कि इन दिनों भले ही करोना के केस कुछ कम हुए हैं, मगर अभी भी सतर्कता और सावधानी बहुत जरूरी है। सभी लोग घरों में रहें और कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करें।

कुशीनगर जनपद कालाजार प्रभावित जनपदों में से एक है, हालांकि कि इससे बचाव के लिए को लेकर सभी प्रभावित गाँवों में कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करते हुए छिड़काव का काम पूरा कर लिया गया है, मगर फिर सतर्कता जरूरी है।

उन्होंने बताया कि कालाजार रोग बालू मक्खी के काटने से होता है।बालू मक्खी को जड़ से समाप्त करने के लिए समय-समय पर जिले में निरोधात्मक कार्यवाही की जाती है। बालू मक्खी जमीन से छह फीट की ऊंचाई तक उड़ सकती हैं। इसलिए छिड़काव घर के अंदर छह फीट ऊंचाई तक कराया जाता है।

इस साल मिले कालाजार के छह रोगी

डीएमओ ने बताया कि इस वर्ष पहली जनवरी 2021 से 31 मई के बीच ( पांच माह में) जिले में कालाजार की दो महिला सहित छह रोगी मिले हैं, जिनका इलाज कराया जा रहा है। इन रोगियों में कुबेरस्थान ब्लॉक के ब्लॉक दो , दुदही ब्लॉक के एक तथा तरयासुजान ब्लॉक के तीन रोगियों के नाम शामिल है।

इसी प्रकार इसी अवधि में जनपद में चमड़ी बुखार के भी पांच रोगी मिले हैं। इसमें एक महिला व चार पुरूष रोगी हैं, जिसमें से तरयासुजान ब्लॉक के चार तो पडरौना के एक मरीज का नाम शामिल है।

लक्षण दिखें तो जांच कराकर जिला अस्पताल में कराएं इलाज

डब्ल्यूएचओ के जोनल कोर्डिनेटर डॉ.सागर घोडेकर ने कहा कि कोरोना काल में यदि किसी में कालाजार के लक्षण दिखे तो वह उसे अनदेखा न करे और तत्काल जांच कराएं। अब कालाजार का इलाज आसान हो गया है। मरीज के लिए कुशीनगर जिला अस्पताल में अच्छी व्यवस्था की गयी है। दवा महंगी होने के बावजूद निःशुल्क उपलब्ध करायी जाती है।

उन्होंने निजी चिकित्सकों से भी अपील की है कि यदि किसी के पास कोई कालाजार का रोगी इलाज कराने पहुंचे तो जिला अस्पताल की राह दिखाएं।

कालाजार को जानिए:

डब्ल्यूएचओ के जोनल कोर्डिनेटर ने बताया कि कालाजार बालू मक्खी से फैलने वाली बीमारी है। यह मक्खी नमी वाले स्थानों पर अंधेरे में पाई जाती है। यह छह फीट ही उड़ पाती है। इसके काटने के बाद मरीज बीमार हो जाता है। उसे बुखार होता है और रुक-रुक कर बुखार चढ़ता-उतरता है। लक्षण दिखने पर मरीज को चिकित्सक को दिखाना चाहिए। इस बीमारी में मरीज का पेट फूल जाता है। भूख कम लगती है। शरीर काला पड़ जाता है

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