क्या बांग्लादेश की हिंसा में तालिबान और पाकिस्तान का हाथ है

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ढाका : बांग्लादेश की सांप्रदायिक हिंसा कप तालिबान और पाकिस्तान द्वारा शेख हसीना की सरकार को अस्थिर करने के षडयंत्र के रूप में भी देखा जा रहा है.अंतर्राष्ट्रीय राजनीति के विश्लेषक मानते हैं कि बंगलादेश में सांप्रदायिक हिंसा का असर भारत पर भी पड़ेगा और दोनों देशों को परेशान करके पाकिस्तान की ख़ुफ़िया एजेंसी अपने आकाओं को खुश करना चाहती है .

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प्रधानमंत्री शेख हसीना ने त्वरित कार्यवाही किया और हिंसा पर नियंत्रण कर लिया .हिंदू नेताओं के साथ बैठक में पहले ही हमले के दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का वादा कर चुकी हैं. मामले में कई संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया है. पुलिस ने संकेत दिया है कि पूजा की झांकी में कुरान का प्राप्त होना, जिससे हिंसा फैली, साजिश के तहत उपद्रवियों द्वारा स्थापित की गयी थी.

बांग्लादेश की सरकार ने कोमिला जिला के कुछ कस्बों में शुरू हुए हमलों से निपटने के लिए तेजी से कार्रवाई की, लेकिन रणनीतिक विश्लेषक और पूर्व भारतीय राजदूत पिनाक आर चक्रवर्ती का मानना है कि अफगानिस्तान में तालिबान शासन की स्थापना से उत्साहित इस्लामवादियों के नये सिरे से सिर उठाने को लेकर सतर्क रहने की जरूरत है.

बांग्लादेश में भारत के उच्चायुक्त रह चुके पिनाक चक्रवर्ती ने कहा, ‘यह चिंताजनक घटनाक्रम है और इसे सावधानी से संभालने की जरूरत है. यह लोकतंत्र और उस सांप्रदायिक सौहार्द्र को अस्थिर करने की भी कोशिश है, जिसे हसीना सरकार लेकर आयी है.’ उन्होंने कहा, ‘यह पाकिस्तान समर्थित चरमपंथी संगठनों की साजिश प्रतीत होती है. बांग्लादेश सरकार को इन तत्वों का सफाया करना चाहिए.’

पूर्व आईपीएस अधिकारी और मॉरीशस में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार रह चुके शांतनु मुखर्जी ने कहा, ‘हमारे पास यह विश्वास करने के कारण मौजूद हैं कि यह बड़ी साजिश का हिस्सा था, जिसे भारत और बांग्लादेश से शत्रुता रखने वाले तत्वों ने रचा. अफगानिस्तान में तालिबान के शासन के बाद इस्लामिक शक्तियां उत्साहित प्रतीत हो रही हैं.

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