कुशीनगर। आज प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र सुकरौली परिसर में कुष्ठ (Leprosy) दिव्यांग रोगियों के बीच कंबल ,माइक्रो सेलुलर रबर(एसीआर) चप्पल,फल आदि सामग्री वितरित किये गया। इस मौके पर जिला कुष्ठ परामर्शदाता डॉ.विनोद कुमार मिश्रा ने कहा कि कुष्ठ रोग अभिशाप नहीं है। अगर किसी व्यक्ति के शरीर पर कुष्ठ रोग के लक्षण दिखे तो उसे छिपाएं नहीं बल्कि खुल कर बताएं ताकि इलाज किया जा सके।
उन्होंने कहा कि कुष्ठ रोग (Leprosy) जीवाणु से होने वाली एक सामान्य बीमारी है जो समय से इलाज कराने पर पूरी तरह ठीक हो जाता है। कुष्ठ रोग से प्रभावित व्यक्ति के शरीर पर हल्के अथवा ताँबा के रंग के चकत्ते हो जाते हैं जिसमें सुन्नपन होता है। उस स्थान पर सुई चुभने पर भी मनुष्य किसी प्रकार का कोई दर्द महसूस नहीं करता। इसके साथ ही अगर हथेली अथवा पैर के तलवों में भी सुन्नपन हो रहा है तो कुष्ठ रोग की जांच अवश्य करानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि यदि अगर कुष्ठरोग (Leprosy) का सही समय पर उपचार न किया जाये तो इससे शरीर के प्रभावित अंगो में दिव्यांगता हो सकती है। उन्होंने कहा कि कुष्ठ रोग से दिव्यांग मरीजों को उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 2500 मासिक का पेंशन दी जाती है। कुष्ठ रोग से दिव्यांग हुए रोगियों में रीकन्स्ट्रकटिव सर्जरी कराई जाती है जिससे उनके हाथ पैर की दिव्यांगता को दूर किया जा सकता है। यह सर्जरी पूर्णतया निःशुल्क होती है।
हर साल कुष्ठ (Leprosy) दिव्यांग रोगियों के सामग्री वितरित करने वाले नान मेडिकल सुपरवाइजर (एनएमएस) रमेश त्रिपाठी ने कहा कि कुष्ठ रोगियों की सेवा करना एक पुनीत कार्य है। कुष्ठ रोगियों की सेवा में अन्य लोगों को भी आगे आना चाहिए। उनकी हर संभव मदद करनी चाहिए। इस मौके पर 28 कुष्ठ रोगियों को कंबल, एमसीआर चप्पल, फल आदि वितरित किये गए यी। कार्यक्रम में डॉ. धर्मेंद्र तिवारी, डॉ. हेमंत वर्मा और रामध्यान सिंह लोग प्रमुख रूप में मौजूद रहे।
Char Dham Yatra पर धामी सरकार ने जारी की ये नई गाइडलाइन, पूरे उत्तराखंड में दौड़ी खुश की लहर