डॉक्टर- नर्स 12 से 14 घंटे खुशी-खुशी कर रहे हैं ड्यूटी, अपनों को भूले

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नई दिल्ली ।। खतरनाक CORONA ने पूरी दुनिया को खतरे में डाल दिया है । ऐसे में हमारे डॉक्टर और नर्स कोरोना को हराने के लिए अपने घर-परिवार तक को भूले हुए हैं। ये लोग अपना जान जोखिम डालकर 12 से 14 घंटे की ड्यूटी खुशी-खुशी कर रहे हैं। जीएमसी में पल्मोनरी मेडिसिन विभाग के सह प्राध्यापक डॉ. पराग शर्मा है जो कि सुबह 8 बजे से घर से निकलते हैं, फिर कोई ठिकाना नहीं घर कब लौटेंगे।

मरीजों को देखने, व्यवस्थाओं और बैठकों में पूरा दिन जाता है। शाम 6 से 7 बजे के बीच घर पहुंचते हैं। अस्पताल से उनके जरिए घर में कोई संक्रमित न हो इसलिए उन्होंने अपना अलग कमरा बना लिया है। माता-पिता दोनों डॉक्टर हैं। पिता हार्ट के मरीज हैं। बेटी तीन साल की है। उन्हें संक्रमण न हो इसलिए अलग रहना-खाना पड़ता है।

बेटी प्रणिका मां से हमेशा पूछती है कि पापा मेरे साथ खेलते क्यों नहीं। भोपाल के सीएमएचओ डॉ. सुधीर डेहरिया है। वह पांच दिन बाद अपने घर कपड़ा लेने के लिए पहुंचे। पत्नी व बच्चों ने चाय पीने के लिए कहा तो बाहर जमीन पर बैठकर ही चाय पी और फिर काम पर लौट आए। उनकी पत्नी को हाल ही में प्रैक्चर हो गया है। 70 साल की मां का आंख का ऑपरेशन हुआ है। दो छोटे बच्चे हैं।

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डॉ. डेहरिया स्मार्ट सिटी कंट्रोल रूम के पास एक आवास में रह रहे हैं, जिससे जल्दी कंट्रोल रूम पहुंच सकें। पिछले 9 दिन में उन्होंने बामुश्किल 36 घंटे की नींद ली है। यहीं हाल राजधानी के निजि एवं सरकारी अस्पतालों में काम करने वाली नसों का भी है। वे भी कई-कई घंटों की नौकरी जान खतरे में डाल कर रही है।

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