रो पड़े निर्भया का इलाज करने वाले डॉक्टर, किए ये चौंकाने वाले खुलासे

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नई दिल्ली॥ निर्भया गेंगरेप कांड को पूरे 7 बरस हो चुके हैं। लेकिन अब तक ये मामला हर किसी के दिमाग में बसा हुआ है। खास तौर पर उस युवक के जिसने सबसे पहले निर्भया का उपचार किया था। हम बात कर रहे हैं उस चिकित्सक की जिसने सबसे पहले निर्भया को बचाने के कई प्रयास किए। डॉ0 विपुल कंडवाल के सामने जब निर्भया को पहली बार लाया गया तो उनके होश उड़ गए। डॉ0 विपुल ने उस समय से लेकर जब तक निर्भया उनके सामने रही हर पल को शेयर किया।

चिकित्सक के अनुसार, 16 दिसंबर 2012 की रात लगभग एक बजकर तीस मिनट पर जब निर्भया को दिल्ली के सफदरजंग हॉस्पिटल पहुंचाया गया तो निर्भया की हालत देख वे भीतर से दहल गए थे। जिदंगी में पहले कभी ऐसा केस उन्होंने नहीं देखा था।

चिकित्सक के अनुसार, रात डेढ़ बजे का समय रहा होगा। तब उनकी हॉस्पिटल में नाइट ड्यूटी थी। एंबुलेंस के रुकते ही तत्काल घायल को इमरजेंसी में इलाज के लिए पहुंचाया गया। कंडवाल बताते हैं जैसे ही पीड़िता को देखा दिल थम सा गया, मन में प्रश्न बार-बार उठ रहा था कि कोई इतना क्रूर कैसे हो सकता है? खून रोकने के लिए प्रारंभिक सर्जरी शुरू की। लेकिन खून नहीं रुक रहा था।

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क्योंकि रॉड से किए गए घाव इतने गहरे थे कि उसे बड़े ऑपरेशन की आवश्यकता थी। आंत भी गहरी कटी हुई थी। डॉ. विपुल बताते हैं कि सिर्फ उस रात ही नहीं बल्कि लगभग 21 दिनों तक हम दिन-रात निर्भया की स्थिति ठीक करने में जुटे रहे। लेकिन उसकी जान बचा पाते तो दिल में सुकून रहता। निर्भया के उपचार का हर लम्हा बहुत इमोशनल था।

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